योगी सरकार बर्बर दमन और हिंसा पर उतारू है- प्रियंका गांधी
प्रियंका ने कहा कि कांग्रेस पार्टी शांति और सौहार्द बनाने की अपील करती है. देश को आजादी सत्य और अहिंसा के रास्ते मिली. आज जरूरी है कि बाबा साहेब अंबेडकर के संविधान की रक्षा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के बताए गए सत्य और अहिंसा के रास्ते से की जाए.
लखनऊ : कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने सीएए और एनआरसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों के बाद योगी सरकार की कार्रवाई को लेकर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि हर जिले से लोगों को गिरफ्तार कर पुलिस कहां ले जा रही है, किसी को पता नहीं. सरकार बर्बर दमन और हिंसा पर उतारू है. प्रियंका ने शनिवार को कहा कि यह कानून भारत के संविधान की मूल भावना के खिलाफ है. उन्होंने कहा कि देश के तमाम हिस्सों से छात्रों, बुद्धिजीवियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, वकीलों और पत्रकारों की अवैध रूप से गिरफ्तारियां निंदनीय हैं.
उन्होंने बताया कि पूरे देश समेत उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में दो दिन से कई सामाजिक-राजनीतिक कार्यकर्ताओं को पुलिस अवैध हिरासत में रखे हुई है. उनके परिजनों को उनकी गिरफ्तारी की कोई खबर नहीं दी गई है. मीडिया के माध्यम से दिल दहला देने वाली खबर मिल रही है कि उनको पुलिस हिरासत में मारा-पीटा जा रहा है.
प्रियंका ने कहा कि प्रदेश में संचार व इंटरनेट सेवाएं सरकार ने बंद करवा रखा है. फिरोजाबाद, अमरोहा, मुरादाबाद, बरेली, रामपुर, कानपुर और गोरखपुर में पुलिस ने शांतिपूर्ण चल रहे प्रदर्शनों पर लाठीचार्ज किया. जगह-जगह चल रहे प्रदर्शन और मार्च में पुलिस लोगों को हिंसा के लिए उकसा रही है. उत्तर प्रदेश में प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में 15 लोगों के मारे जाने की खबर है.
प्रियंका ने कहा कि एनआरसी और नागरिकता संशोधन किसी भी कीमत पर बाबा साहेब अंबेडकर के संविधान पर हमला नहीं होने दिया जाएगा. जनता सड़क पर उतरकर संविधान को बचाने के लिए लड़ रही है, लेकिन सरकार बर्बर दमन और हिंसा पर उतारू है.
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने जिस तरह नोटबंदी में गरीबों को लाइन में खड़ा किया था, अब एनआरसी और नागरिकता संशोधन कानून के नाम पर लोगों को लाइन में खड़ा करेगी. एक 'कट ऑफ डेट' तय करेगी और हर एक भारतीय को अपनी भारतीयता साबित करने के लिए उस डेट के पहले का कोई मान्य दस्तावेज पेश करना पड़ेगा. इससे ज्यादातर गरीब और वंचित लोग प्रताड़ित होंगे.
यूपी में 16 की मौत, 263 पुलिसकर्मी घायल, 705 गिरफ्तार, 4500 हिरासत में उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में बृहस्पतिवार से हिंसा में अब तक 16 लोग मारे जा चुके हैं. उत्तर प्रदेश पुलिस ने कहा कि हिंसा की वारदात में 263 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं जिनमें से 57 को गोलियां लगी हैं. इस दौरान 705 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और 4500 हिरासत में हैं.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि शनिवार को प्रदर्शनकारियों ने कानपुर में यतीमखाना पुलिस चौकी को आग के हवाले कर दिया. इस दौरान जबरदस्त पथराव भी हुआ जिसमें पुलिसकर्मियों समेत कई लोग घायल हो गए. पुलिस ने भीड़ को तितर बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले दागे.
पुलिस के अनुसार कानपुर में हिंसा के बाद समाजवादी पार्टी के विधायक अमिताभ वाजपेयी को एहतियात के तौर पर हिरासत में ले लिया गया. उनके वाहन जब्त कर लिये गये.
वहीं रामपुर में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच टकराव में एक व्यक्ति की मौत हो गयी. सीएए का विरोध करने के लिये ईदगाह के नजदीक जमा हुई करीब 500 लोगों की भीड़ और पुलिस के बीच संघर्ष हुआ. इस दौरान पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसूगैस का इस्तेमाल किया.
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