यूपी की कानून व्यवस्था पर बरसीं प्रियंका गांधी, कहा- सत्ता के राग दरबारियों की आंखें कुछ नहीं देख रहीं
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने यूपी की कानून व्यवस्था को लेकर यूपी सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने एक ट्वीट किया है जिसमें हाल फिलहाल में हुई घटनाओं का जिक्र है.
लखनऊ: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कानून व्यवस्था को लेकर गुरुवार को उत्तर प्रदेश सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि प्रदेश में मासूमों के साथ दरिंदगी की जा रही लेकिन सत्ता के राग दरबारियों की आंखें कुछ नहीं देख रही हैं. उन्होंने ट्वीट किया, "यूपी में मासूमों पर दरिंदगी की जा रही है. औरतों को खौफ के माहौल में ढकेला जा रहा है. आदमी को जिंदा जला दिया जा रहा है. मगर सत्ता की राग दरबारी आंखें कुछ नहीं देख रही हैं. उत्तर प्रदेश सरकार औरतों और बच्चियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी कब लेना शुरू करेगी?"
प्रियंका ने इस ट्वीट के साथ एक तस्वीर भी शेयर की है जिसमें उन्होंने उत्तर प्रदेश में जून महीने में महिलाओं और बच्चियों के साथ हुई वारदातों का जिक्र किया है. प्रियंका गांधी ने 14 जून को आगरा में हुई बार काउंसिल अध्यक्ष दरवेश यादव की हत्या, अलीगढ़ में महिला को जिंदा जलाने की वारदात और अलीगढ़ में मासूम बच्ची की हत्या जैसी अपराधिक घटनाओं के लिए प्रदेश सरकार पर हमला बोला है.
इससे पहले उन्होंने 11 जून को भी यूपी सरकार पर निशाना साधने वाला ट्वीट किया था,"जनता के मुद्दों पर काम करने की बजाय, उत्तर प्रदेश सरकार पत्रकारों, किसानों, प्रतिनिधियों पर डर का डंडा चला रही है."
मायावती भी उठी रहीं सवाल
मायावती भी यूपी की कानून व्यवस्था पर सवाल उठा रही हैं और लगातार ट्वीट कर रही हैं. उन्होंने ट्विटर पर लिखा,"यूपी सरकार लोगों के जान-माल व उनके इज्जत-आबरू की सुरक्षा में विफल रही है और साथ ही हर प्रकार की अराजकता को भी बढ़ावा दे रही है लेकिन लोगों का ध्यान बांटने के लिए नया कानून आदि बनाकर अब निजी विश्वविद्यालयों पर शिकंजा कसने का प्रयास जारी है जो पुलिस राज को ही यहां और बढ़ावा देगा."
इससे पहले 18 जून को भी उन्होंने एक ट्वीट किया था,"यूपी के प्रतापगढ़ में दलित किसान की जलाकर हत्या व डाक्टरों की कल हड़ताल के दौरान लोहिया अस्पताल में उत्पात वास्तव में हत्या व जूल्म-ज्यादती आदि की उस श्रृंखला की ताजा कड़ी है जो लोकसभा चुनाव के बाद दलितों, पिछड़ों व अल्पसंख्यकों पर हो रहे हैं. अति-दुःखद व निन्दनीय. सरकार ध्यान दे."