इलाहाबाद : इलाहाबाद में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के काफिले को रोककर उन्हें काला झंडा दिखाने वाली दोनों छात्राओं के खिलाफ गंभीर धाराओं में केस दर्ज कर उन्हें जेल भेज दिया गया है. दोनों छात्राओं को चौदह दिनों की ज्यूडिशियल कस्टडी में जेल भेजा गया है.मजिस्ट्रेट द्वारा इन छात्राओं की जमानत अर्जी खारिज किए जाने के बाद उन्हें जेल भेजा गया है. छात्राओं के साथ मौजूद रहे एक छात्र को भी जेल भेजा गया है. जेल भेजी गई नेहा यादव बनारस की बीएचयू में पिछले साल हुए बवाल में भी जेल जा चुकी है.इन तीनों ने बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के काफिले को रोककर काला झंडा लहराया था.इस पर पुलिस ने इन्हे मौके से ही हिरासत में ले लिया था.


मजिस्ट्रेट के जमानत अर्जी खारिज करने के बाद 14 दिन की जेल


छात्राओं को पुरुष पुलिस वालों ने दबोचा था और बाल पकड़कर उन्हें घसीटने के बाद सरेआम लाठी भी मारी थी. छात्राओं के खिलाफ आईपीसी की धारा 147, 188, 341 और 505 के साथ ही 7 क्रिमिनल लॉ एमेंडमेंट के तहत धूमनगंज थाने में केस दर्ज किया गया है. केस दर्ज होने के बाद आज शाम उन्हें मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया, जहां मजिस्ट्रेट ने उनकी जमानत अर्जी खारिज कर दी और ज्यूडिशियल कस्टडी में चौदह दिनों के लिए जेल भेज दिया. जेल भेजी गई छात्र छात्राएं समाजवादी छात्र सभा से भी जुड़ी हुई हैं.



पुलिस ने मौके से तीन लोगों को हिरासत में लिया था


दरअसल बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह शुक्रवार को गुरु पूर्णिमा पर संगम के शहर इलाहाबाद आए थे और उन्होंने यहां कई कार्यक्रमों में हिस्सा लिया था. दोपहर को जब वह नई दिल्ली जाने के लिए एयरपोर्ट रवाना हुए तो रास्ते में एयरपोर्ट के करीब धूमनगंज इलाके में इलाहाबाद सेंट्रल युनिवर्सिटी की दो छात्राएं फ्लीट के आगे कूद गईं और उसे रोककर काला झंडा लहराने लगीं. फ्लीट रुकते ही पुलिसकर्मियों में हड़कंप मच गया. दोनों छात्राओं के साथ एक छात्र भी था. पुलिस ने मौके से ही तीनों को हिरासत में ले लिया.


सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था वीडियो


पुरुष पुलिस वालों ने छात्रों के साथ ही छात्राओं को भी घसीटकर किनारे. इस बीच एक पुलिसवाले ने एक छात्रा के बाल पकड़कर उन्हें घसीटते हुए पुलिस वैन में बिठाया, जबकि किसी वीआईपी नेता के सरकारी सुरक्षाकर्मी ने नेहा यादव नाम की रिसर्च स्कॉलर को सरेआम लाठी से मारा. मौके से हिरासत में लिए गए तीनों छात्रों को धूमनगंज थाने में रखा गया.अमित शाह की फ्लीट को रोककर काला झंडा दिखाने वाली छात्राओं के मुताबिक़ सेंट्रल युनिवर्सिटी के वाइस चांसलर को तमाम शिकायतों के बावजूद अब तक हटाए नहीं जाने के सवाल को लेकर काला झंडा दिखाया था. यह वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल भी हुआ. छात्राओं को जब मजिस्ट्रेट की कोर्ट में पेश किया गया तो समाजवादी पार्टी के तमाम कार्यकर्ता भी उनसे मिलने के लिए पहुंचे.


इस घटना पर अखिलेश यादव ने ट्वीट करते हुए कहा,''बीजेपी अध्यक्ष की उपस्थिति में इलाहाबाद में छात्राओं को पुलिस द्वारा लाठी से मारना और उनको बालों से खींचकर बिना महिला पुलिस के हिरासत में लेना शर्मनाक है. ये है बीजेपी के नारी सम्मान और सुरक्षा के दावे का घिनौना सच. अहंकारी याद रखें कि जितना अन्याय बढ़ता है, उतनी विरोध की हिम्मत भी.