(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
बजरंग बली विवाद के बाद सीएम योगी ने हनुमान मंदिर में की पूजा, बोले- दूसरों पर उंगली उठाना आसान
सीएम योगी ने इशारों में अपनी नाराज़गी जताते हुए कहा कि अगर लोग दूसरों की कमियां खोजने के बजाय उनकी गलतियों से सबक लें तो देश की तस्वीर बदल सकती है. योगी ने जिस हनुमान मंदिर में पूजा अर्चना की, वहां बजरंग बली लेटी हुई अवस्था में भक्तों को दर्शन देते हैं.
प्रयागराज: बजरंग बली को दलित व वंचित बताए जाने के बाद विवादों में घिरे यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने आज कुंभनगरी प्रयागराज के हनुमान मंदिर में पूजा-अर्चना और आरती की. दलित विवाद के बाद यह पहला मौका है जब सीएम योगी ने बजरंग बली के किसी मंदिर में जाकर वहां पूजा अर्चना की है. सीएम योगी ने इस मौके पर हनुमान जी को दलित बताए जाने की घटना का जिक्र किये बिना विरोधियों पर जमकर निशाना साधा.
इस मामले को तूल दिए जाने पर उन्होंने इशारों में अपनी नाराज़गी जताई और चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि जिन्हे धर्म के मर्म की जानकारी नहीं है, वह भी हर बात को संकीर्णता के दायरे में लाकर सोचते हैं और बाल की खाल निकालने का काम करते हैं. उन्होंने साफ़ तौर पर कहा कि किसी के काम पर उंगली उठाना आसान होता है, लेकिन अगर दूसरों पर उंगली उठाने के बजाय हर कोई अपनी ज़िम्मेदारी निभाने लगे तो यह धरती दिव्यलोक बन सकती है. सीएम योगी ने इशारों में अपनी नाराज़गी जताते हुए कहा कि अगर लोग दूसरों की कमियां खोजने के बजाय उनकी गलतियों से सबक लें तो देश की तस्वीर बदल सकती है. योगी ने जिस हनुमान मंदिर में पूजा अर्चना की, वहां बजरंग बली लेटी हुई अवस्था में भक्तों को दर्शन देते हैं.
प्रयागराज में कांची कामकोटि पीठ द्वारा आयोजित चार दिनों के कुम्भाभिषेकम महोत्सव के समापन में पहुंचे सीएम योगी का हनुमान मंदिर जाने का कोई कार्यक्रम नहीं था, लेकिन अचानक वह हनुमान मंदिर पहुंच गए. वहां उन्होंने बजरंग बली के दर्शन पूजन करने के बाद प्रतीकात्मक आरती की और प्रसाद भी ग्रहण किया. सीएम योगी ने इस मौके पर मंदिर के महंत और अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरि से बातचीत भी की.
महंत नरेन्द्र गिरि के मुताबिक़ दोनों के बीच सिर्फ कुंभ मेले के आयोजन को लेकर ही बातचीत हुई. सीएम योगी ने प्रयागराज में शंकर विमान मंडपम मंदिर में भी दर्शन किया और वहां वीडियो कांफ्रेंसिंग के ज़रिये शंकराचार्य विजयेंद्र सरस्वती से बातचीत की.