सीआरपीएफ की 21वीं बटालियन के शहीद जवान प्रदीप कुमार 4 दिन पहले बनत गांव में ही एक समारोह में शामिल होने के लिए दो दिन की छुट्टी लेकर आये थे. 14 फरवरी को उनके परिजनों से भी उनकी फोन पर बात हुई थी. लेकिन शाम होते-होते प्रदीप कुमार की शहादत की खबर आ गई. प्रदीप के शहीद होने की खबर मिलते ही पूरा कस्बा गम में डूब गया. प्रदीप के एक बेटा और बेटी हैं.
Pradeep Kumar
शामली शहर के रेलपार इलाके के शहीद हुए जवान अमित कुमार का परिवार काफी गरीब है. छह भाई-बहनों में सबसे छोटे अमित 2017 में सीआरपीएफ में भर्ती हुए थे. वह अविवाहित थे. चंद रोज पहले ही अमित शामली आये थे और उनके रिश्ते के लिए बातचीत चल रही थी.
पुलवामा हमला: देवरिया और महराजगंज के भी दो लाल शहीद, गांव-घर में पसरा मातम
12 फरवरी को अमित ड्यूटी ज्वाइन करने वापिस कश्मीर लौटे थे. परिवार ने उनकी शादी के लिए तमाम सपने संजो रखे थे. अमित के पिता सोमपाल का कहना है कि उनके बेटे ने देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर किये है. उन्हें बेटे की शहादत पर गर्व है.
Amit Kumar
शामली के जिलाधिकारी अखिलेश सिंह ने बताया कि शहीदों के पार्थिव शरीर आज देर शाम या कल सुबह तक पहुंचने का अनुमान है. शहीदों को पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी जायेगी. जिला प्रशासन ने चाक-चौबंद इंतजाम किये हैं. शहीदों का इंतजार कर रहे हैं.
पुलवामा हमला: प्रयागराज के शहीद महेश के पिता चलाते हैं ऑटो, मासूम बच्चे पूछ रहे- कहां हैं पापा
पुलवामा हमले में यूपी के 12 जवान शहीद, योगी बोले- बेकार नहीं जाएगा बलिदान