मेरठ: जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में शहीद मेरठ के अजय कुमार का पार्थिव शरीर आज सुबह उनके गांव पहुँचा. मेरठ कैंट से लेकर शहीद के पैतृक गांव तक लाखों लोग शहीद को नमन करने सड़क पर उतर आए. 35 किलोमीटर का सफर तय करने में शहीद के काफिले को 4 घंटे लग गए. शहीद अजय कुमार को अंतिम संस्कार गांव के स्टेडियम में किया गया. स्टेडियम से सटे इंटर कॉलेज में अजय कुमार ने अपनी पढ़ाई पूरी की थी.
सुबह करीब 9 बजे मेरठ के मिलिट्री अस्पताल से शहीद अजय का पार्थिव शरीर फूल-मालाओं से सजे सेना के ट्रक से उनके गांव को रवाना हुआ. आगे सेना के जवान बैंड पर मातमी धुन बजा रहे थे और उनके आगे-पीछे भारत माता की जय-जयकार कर रहे हजारों युवा चल रहे थे. बागपत रोड होते हुए काफिला जानी नहर से होकर शहीद के गांव बसा टीकरी पहुँचा. रास्ते मे खड़े हजारों लोग शहीद को फूल अर्पित कर रहे थे. सेना की गाड़ी के आगे बहुत से लोग दंडवत होकर शहीद को नमन करते नजर आए.
गांव पहुँचे शहीद का वंदे मातरम के नारे के साथ स्वागत किया गया. शहीद के पिता, मां, पत्नी और रिश्तेदारों ने घर के आंगन में अंतिम बार पहुँचे अजय कुमार को अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि दी. सबकी आँखे नम थी लेकिन दिल मे अजय की शहादत पर फक्र भी था. केंद्रीय मंत्री सत्यपाल सिंह, राष्ट्रीय लोकदल के नेता जयंत चौधरी, मोदीनगर से बीजेपी विधायक मंजू सिवाच, विधायक संगीत सोम समेत कई नेताओं ने शहीद को श्रद्धासुमन अर्पित किए.
शहीद के घर से चली अंतिम यात्रा गांव पतला के स्टेडियम पहुँची. शहीद के अंतिम संस्कार के लिए ग्रामीणों ने स्टेडियम का मैदान तय किया था. शहीद को उनके ढाई साल के बेटे आरव ने मुखाग्नि दी. शहीद के अंतिम संस्कार से पहले सेना के बैंड ने मातमी धुन बजायी और गोलियां चलाकर शहीद को सेल्यूट किया. शहीद अजय कुमार और भारत माता की जय के नारों के साथ मेरठ के लाल को अंतिम विदाई दी गई. अपने बेटे की शहादत पर गर्व करने वाली अजय की माँ ने कहा है कि उनका पोता भी मातृभूमि की सेवा के लिए सेना में जायेगा.