पटना: जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकी हमले में शहीद हुए बिहार के दो सीआरपीएफ जवानों के घर में मातम पसरा है. पुलवामा में गुरुवार को हुए आतंकी हमले में पटना जिला के तारेगना डीह गांव निवासी संजय कुमार सिन्हा और भागलपुर जिला के रतनपुर के रतन कुमार ठाकुर शहीद हो गए.


शहीद संजय कुमार सिन्हा के पैतृक गांव तारेगना डीह में उनके पिता महेंद्र प्रसाद ने कहा, “मेरे बेटे ने वीरगति को प्राप्त की. मुझे उम्मीद है कि सरकार अब उनके परिवार के देखभाल करेगी.’’ उन्होंने कहा “मेरा बेटा लंबी छुट्टी बिताने के बाद पिछले सप्ताह ड्यूटी पर गया था. उसकी दो बड़ी अविवाहित बेटियां हैं. ड्यूटी पर जाने के समय उसने कहा था कि अगली यात्रा के दौरान वह बड़ी बेटी की शादी करेगा. हम व्याकुल हैं.’’ पुलवामा की खबर मिलने के बाद से ही संजय की पत्नी बबीता का रो-रोकर बुरा हाल है.


इस नृशंस हमले से आक्रोशित तारेगना डीह गांव के निवासियों ने कहा कि एक और ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ होनी चाहिए. हम कब तक अपने लोगों को आतंकवादियों के हमलों में खोते रहेंगे.


45वीं बटालियन के जवान रतन कुमार ठाकुर के पिता निरंजन ठाकुर ने पाकिस्तान के प्रति अपने गुस्से का इजहार करते हुए कहा 'पाकिस्तान का खात्मा कर दिया जाना चाहिए. एक बेटा न्यौछावर किए हैं. अपने दूसरे बेटे को भी भारत मां की गोद में देने के लिए हम तैयार हैं लेकिन पाकिस्तान को ऐसी सीख देनी चाहिए कि वह सात जन्म तक फिर से ऐसी गलती नहीं करे.’’ रतन को चार साल का एक बेटा है और पत्नी गर्भवती हैं.


रतन के पिता ने कहा “हम कल शाम तक रतन के फोन की उम्मीद कर रहे थे, उसने हमें बताया था कि वह श्रीनगर में ड्यूटी ज्वाइन करने के बाद बात करेगा. इसके बजाय हमें एक वरिष्ठ अधिकारी का फोन आया जिसने हमें भयानक खबर दी.’’


यह भी देखें