अमृतसर/चंडीगढ़: श्रद्धालुओं के लिए सोमवार को स्वर्ण मंदिर के फिर से खुलने के दौरान यहां पंजाब सरकार के लॉकडाउन दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करते हुए लंगर शुरू कर श्रद्धालुओं के बीच प्रसाद का वितरण किया गया.


पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह भी इस आचरण के बचाव में सामने आए और कहा कि उनकी सरकार ने 'कभी भी किसी धर्म की आस्थाओं और रीति-रिवाजों के साथ हस्तक्षेप करने में भरोसा नहीं किया.'


मुख्यमंत्री ने एक बयान में कहा कि यह फैसला केंद्र सरकार की ओर से लिया गया, जिसका शिरोमणि अकाली दल अभिन्न अंग है. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार केंद्रीय गृह मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के कारण मजूबर थी.


इसके साथ ही उन्होंने अकाली दल पर लोगों को 'बरगलाने' का आरोप लगाया. शिरोमणि गुरद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) के अध्यक्ष गोविंद सिंह लोगोंवाल ने रविवार को सरकार से धार्मिक स्थलों पर ‘प्रसाद’ और लंगर पर रोक संबंधी अपने दिशा-निर्देशों की समीक्षा करने की अपील की थी.


दिशा-निर्देशों के अनुसार धार्मिक स्थलों पर प्रसाद, भोजन या लंगर का वितरण नहीं होगा. एसजीपीसी ने कहा कि उसने सामुदायिक रसोई केंद्र में पूर्ण स्वच्छता सुनिश्चित की है.


इस बीच, अन्य धार्मिक स्थल एवं शॉपिंग मॉल भी ढाई महीने से अधिक समय बाद राज्य सरकार के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए खुले.


स्वर्ण मंदिर में श्रद्धालुओं को थर्मल स्क्रीनिंग के बाद प्रवेश मिला. अधिकारियों के मुताबिक विभिन्न दरवाजों पर डॉक्टरों की टीम तैनात की गयी थी. एसजीपीसी के एक कार्यबल ने प्रवेश से पहले श्रद्धालुओं के हाथों की स्वच्छता सुनिश्चित की.


अधिकारियों के अनुसार एक दूसरे के बीच दूरी बनाने के नियमों का कड़ाई से पालन किया जा रहा है. हालांकि पहले दिन श्रद्धालुओं की भीड़ नजर नहीं आयी. धार्मिक स्थल सुबह पांच बजे से रात आठ बजे तक खुलेंगे.


लुधियाना में जामा मस्जिद खुली और प्रबंधन ने एक दूसरे से दूरी, थर्मल स्क्रीनिंग और हाथों की सफाई सुनिश्चित की. लुधियाना, अमृतसर और जालंधर में शॉपिंग मॉल भी खुले. लेकिन लोग कम तादाद में ही नजर आये.