शामली: 2 अक्टूबर को शामली से लूटी गयी पुलिस की राइफलों का इस्तेमाल पंजाब के एक बड़े नेता की हत्या के लिए होना था. खालिस्तान समर्थकों को रैली में इन हथियारों का इस्तेमाल हमले के दौरान करना था. पुलिस ने मुठभेड़ में तीन बदमाशों की गिरफ्तारी कर ली है और लूटे गये हथियार बरामद करके मामले का खुलासा किया है.

बीती रात शामली पुलिस की स्वाट, सर्विलांस और झिंझाना थाने की टीम मुखबिर की सूचना पर बदमाशों की टोह लेने पहुंची. खबर मिली थी कि हथियार लूटने वाले बदमाश अपने सरगना को हथियार सौंपने निकल रहे हैं. ये हथियार ट्रक में छुपाकर पंजाब भेजे जाने थे.

चौसाना से पुलिस ने बदमाशों का पीछा करना शुरू किया और रंगाना फार्म के गुरूद्वारे से आगे जंगल में जाकर बदमाशों को घेर लिया. मुठभेड़ में दो बदमाशों को गोली लगी और पुलिस ने दोनों को दबोच लिया. उनका एक साथी मौके से भागने के बाद काम्बिंग में 30 एमएम की एक पिस्टल-कारतूस के साथ गिरफ्तार किया गया.



गिरफ्तार बदमाशों में हरियाणा के करनाल का अमरीत उर्फ अमृत, सहारनपुर का गुरजेन्ट उर्फ जिन्टा और शामली के झिंझाना का करमसिंह शामिल है. पुलिस ने इस बदमाशों के पास से लूटी गई राइफलें बरामद की हैं. अमरीत उर्फ अमृत ने पुलिस को बताया कि उनका सरगना शामली का जर्मन है.

लूट की वारदात में पांचवें बदमाश का नाम कर्मा है. जर्मन ने एक बड़े नेता की हत्या के लिए हथियार इकठ्ठे किये है. इन हथियारों को पंजाब के रोपड़ जिले के एक गांव में रखा गया है. रैलियों में इन हथियारों का इस्तेमाल होना है. अमृत ने यह भी बताया की खालिस्तान लिबरेशन के विरोधी होने के कारण ये नेता खालिस्तान समर्थकों के निशाने पर है.

खालिस्तान समर्थक इन बदमाशों ने दो अक्टूबर की रात को शामली के बिडौली चैकपोस्ट पर रात में ड्यूटी कर रहे हैड कास्टेबल संसार सिंह और होमगार्ड संजय वर्मा को गोली मारकर इंसास राइफल समेत दो राइफलें लूटी थीं. वारदात के वक्त आधा दर्जन बदमाश बाइकों पर सवार होकर आये थे जिनमें बदमाशों का मास्टरमाइंड जर्मन और कर्मा समेत एक तीसरा बदमाश भी शामिल था. पुलिस अभी तक छठे बदमाश की शिनाख्त नही कर पायी है. जर्मन और कर्मा दोनों अभी तक फरार है.



पश्चिमी उत्तर-प्रदेश की इस साल की सबसे बड़ी इस वारदात के खुलासे के लिए शामली पुलिस के अलावा सहारनपुर पुलिस की भी मदद ली गयी थी. शामली के झिंझाना थाना प्रभारी समेत स्वाट टीम, सर्विलांस टीम और सहारनपुर डीआईजी के नेतृत्व में एक स्पेशल टीम इस आपरेशन में जुटी थी.

मेरठ जोन के एडीजी प्रशांत कुमार ने बताया कि पुलिस टीम में कड़ी मेहनत की और अपने नेटवर्क की मदद से बदमाशों को गिरफ्तार किया. साथ ही हथियारों की बरामदगी के साथ वारदात के मकसद का भी खुलासा किया है. पूरी टीम के लिए 50 हजार रूपये का इनाम दिया गया है.