नई दिल्ली: पटना यूनिवर्सिटी छात्रसंघ चुनाव को लेकर बिहार की सियासत गरमाई हुई है. प्रशांत किशोर पर चुनाव को प्रभावित करने का आरोप लगाया जा रहा है. बीजेपी-जेडीयू आमने सामने है. बीजेपी की तरफ से मांग यहां तक की जा रही है कि प्रशांत किशोर की गिरफ्तारी हो. आरजेडी भी इसका फायदा उठाकर नीतीश कुमार पर निशाना साध रही है.


इस बीच उपेंद्र कुशवाहा ने भी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश को कटघरे में खड़ा किया है. अपने ट्वीट में कुशवाहा ने कहा, ''छात्रसंघ चुनाव को प्रतिष्ठा का प्रश्न बनाकर 'पुलिस-प्रशासन-विश्वविद्यालय' सबको दंडवत करा दिया. इतनी फजीहत करार जीत भी गए तो प्रधानमंत्री बन जाएंगे?


कुशवाहा ने आगे कहा कि छात्रसंघ चुनाव में सत्ता व सत्ताधारी दल की ताकत का महादुरुपयोग व्यक्ति के अहंकार की पराकाष्ठा है. ऐसा अहंकार तो इतिहास में हमेशा ही सर्वनाश का कारण साबित हुआ है. माननीय मुख्यमंत्री जी, आनेवाली पीढ़ी कैसे विश्वास करेगा ति आप भी उसी विश्वविद्याल के छात्र रहे हैं?





दरअसल संघ चुनाव से पहले कैंपस में हंगामा उस वक्त मच गया जब प्रशान्त किशोर अपने करीबी के साथ सोमवार को पटना विश्वविद्यालय के वीसी रासबिहारी सिंह से मिलने पहुंच गए. प्रशान्त किशोर के करीबी सूत्रों का कहना है कि वो पटना सायन्स कॉलेज के सामने किसी परिचित के घर खाना खाने जा रहे थे तभी उनके करीबी रिश्तेदार भी साथ हो गए. उन रिश्तेदार को वीसी से मिलने जाना था, क्योंकि वो साथ थे इसलिए उन्हें भी वीसी के घर जाना पड़ा. पीके और वीसी की मुलाकात की खबर लगते ही एबीवीपी के छात्रों में गुस्सा भड़क उठा.


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