रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने किया नई पार्टी का एलान, 'जनसत्ता पार्टी' होगा नाम
राजा भैया प्रदेश सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं. ठाकुर मतदाताओं पर उनकी मजबूत पकड़ मानी जाती है. बता दें कि साल 1993 में पहली बार राजा भैया ने कुंडा सीट से चुनाव लड़ा था. आजतक राजा भैया ने निर्दलीय ही चुनाव लड़ा है और जीत हासिल की है.
लखनऊ: प्रतापगढ़ जिले के कुंडा से निर्दलीय विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने नयी राजनीतिक पार्टी बनाने का एलान कर दिया है. नई पार्टी का नाम जनसत्ता पार्टी रखा गया है. बता दें कि आने वाले 30 नवंबर को राजा भैया राजनीति में 25 वर्ष पूरे हो रहे हैं. पार्टी का एलान करते वक्त राजा भैया ने कहा कि हमारी पार्टी में जाति और धर्म के नाम पर किसी भी तरह का भेदभाव नहीं किया जाएगा.
राजा भैया ने कहा कि 30 नवंबर को 25 साल पूरा हो जाएगा. मैं 6 बार निर्दलीय विधायक रहा हूं. उन्होंने कहा कि 80 फीसदी जनता ने कहा कि मुझे राजनीतिक दल बनाना चाहिए. पार्टी बनाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. दल का नाम और झंडे के लिए भी चुनाव आयोग को लिखा है. राजा भैया ने कहा कि कुछ मुद्दे ऐसे हैं जिसपर सियासी पार्टिया सदन और बाहर कहीं भी नहीं बोलते. उनमें से एक है एससी/एसटी एक्ट. उन्होंने एससी/एसटी एक्ट को लेकर सवाल खड़े किए और कहा कि राजीव गांधी के समय एसएसी/एसटी एक्ट बना और समय के साथ इसमें जटिलता आती गई. कुंडा विधायक ने कहा कि एससी एसटी को लेकर अफवाह उड़ी की सरकार इसे खत्म करने जा रही है. उसको लेकर कितना बवाल हुआ सबने देखा. एससी/एसटी एक्ट में संसद ने प्रावधान किया कि पहले गिरफ्तारी फिर जांच ये नेचुरल जस्टिस के खिलाफ़ है. हम इसे मुद्दा बनाएंगे. पिछले महीने प्रतापगढ़ की बाबागंज सीट से एक अन्य निर्दलीय विधायक विनोद कुमार सरोज ने कहा था कि राजा भेया के समर्थकों ने सोशल मीडिया पर अभियान छेड़ा था, जिसमें लोगों की राय मांगी गयी कि उन्हें को कौन सा राजनीतिक रास्ता चुनना चाहिए. इसके जवाब में लगभग 80 फीसदी लोगों की राय थी कि राजा भैया को नये राजनीतिक दल का गठन करना चाहिए. सरोज ने बताया था कि इसी राय के चलते नये राजनीतिक दल के गठन की प्रक्रिया चल रही है.राजा भैया प्रदेश सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं. ठाकुर मतदाताओं पर उनकी मजबूत पकड़ मानी जाती है. बता दें कि साल 1993 में पहली बार राजा भैया ने कुंडा सीट से चुनाव लड़ा था. आजतक राजा भैया ने निर्दलीय ही चुनाव लड़ा है और जीत हासिल की है.
बीएसपी सुप्रीमो मायावती से अदावत रखने वाले राजा भैया का मुलायम सिंह यादव से अपनेपन का संबंध रहा है. मुलायम सरकार में वे मंत्री भी थे. मायावती ने तो राजा भैया को पोटा क़ानून में जेल भिजवा दिया था. वे अखिलेश यादव की सरकार में जेल मंत्री फिर बाद में खाद्य और आपूर्ति मंत्री भी बने. डीएसपी जिया उल हक़ की हत्या मामले के बाद राजा भैया को मंत्री पद से इस्तीफ़ा देना पड़ा था. सीबीआई से क्लीन चिट मिलने के बाद वे दोबारा मंत्री बने.
इसी साल मार्च महीने में राज्य सभा की दस सीटों के लिए चुनाव हुए थे. बीजेपी ने 9, एसपी और बीएसपी ने एक एक उम्मीदवार उतारे थे. दबंग नेता रघुराज प्रताप सिंह और उनके समर्थक विधायक विनोद सरोज ने बीजेपी की लाज बचा ली. समाजवादी पार्टी का साथ छोड़ कर दोनों विधायकों ने बीजेपी के लिए वोट किया. बीएसपी का उम्मीदवार हार गया.