नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बारे में कथित तौर पर आपत्तिजनक पोस्ट और खबरें प्रसारित करने के लिए कुछ पत्रकारों की गिरफ्तारी को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने मंगलवार को योगी सरकार पर जमकर निशाना साधा और आरोप लगाया कि यह सरकार जनता के मुद्दों पर ध्यान देने की बजाय भय का डंडा चला रही है.


राहुल गांधी ने अपने बारे में फैलाये जाने वाले 'दुष्प्रचार' का हवाला देते हुए ट्वीट किया, "अगर मेरे खिलाफ आरएसएस-भाजपा प्रायोजित विषैले दुष्प्रचार चलाने और गलत रिपोर्ट देने के लिए पत्रकारों को जेल में डाला जाए तो ज्यादातर अखबारों /समाचार चैनलों को बड़े पैमाने पर कर्मचारियों की कमी का सामना करना पड़ जाएगा.'


गांधी ने कहा, 'उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री मूर्खतापूर्ण ढंग से व्यवहार कर रहे हैं. गिरफ्तार किए गए पत्रकारों को रिहा करने की जरूरत है."


उनके ट्वीट को रिट्वीट करते हुए प्रियंका ने कहा,"जनता के मुद्दों पर काम करने की बजाय, उत्तर प्रदेश सरकार पत्रकारों, किसानों, प्रतिनिधियों पर डर का डंडा चला रही है."


गौरतलब है कि योगी के बारे में कथित तौर पर आपत्तिजनक पोस्ट एवं खबरें प्रसारित करने के लिए कुछ पत्रकारों को गिरफ्तार किया गया है. विभिन्न पत्रकार समूहों ने इन गिरफ्तारियों की निंदा की है.


सुप्रीम कोर्ट ने कहा- पत्रकार को रिहा करें


उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के आरोपी पत्रकार प्रशांत कनौजिया को सुप्रीम कोर्ट ने तुरंत जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने यूपी पुलिस को फटकार लगाई और पूछा कि ट्वीट के लिए गिरफ्तारी की क्या ज़रूरत थी. कार्रवाई अपनी जगह है, लेकिन गिरफ्तारी क्यों की गई?


सुप्रीम कोर्ट ने कहा, "हम पत्रकार की तत्काल ज़मानत पर रिहाई का आदेश देते हैं. मजिस्ट्रेट अपने हिसाब से ज़मानत की शर्तें तय कर सकते हैं. हालांकि, इस आदेश को किसी ट्वीट को हमारी स्वीकृति के तौर पर न देखा जाए.''


क्या है पूरा मामला?


बता दें कि कनौजिया ने एक वीडियो शेयर किया था जो किसी मीडिया कंपनी का था. हालांकि इसके साथ उन्होंने सीएम योगी आदित्यनाथ पर एक व्यक्तिगत टिप्पणी भी की थी. इसके बाद यूपी के हजरतगंज पुलिस थाने में शुक्रवार रात को एक उपनिरीक्षक ने कनौजिया के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की थी, जिसमें आरोप लगाया है कि आरोपी ने सीएम योगी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियां कीं और उनकी छवि खराब करने की कोशिश की.