नई दिल्लीः देश की सियासत के लिहाज से बेहद अहम प्रदेश उत्तर प्रदेश के लिए कांग्रेस चुनावी रणनीति बनाने का काम जोर-शोर से कर रही है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने उत्तर प्रदेश के संसदीय क्षेत्रों या सीटों को पूर्वी और पश्चिमी दो भागों में बांटकर उनकी जिम्मेदारी प्रियंका गांधी और ज्योतिरादित्य सिंधिया को सौंप दी है.
कांग्रेस के संगठन महासचिव के सी वेणुगोपाल की ओर से जारी बयान के मुतबिक पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने इन दोनों महासचिवों के लिए सीटों की संख्या के निर्धारण को स्वीकृति प्रदान की. इस बारे में जो प्रेस रिलीज जारी हुई उसमें जानकारी दी गई कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने लोकसभा संसदीय क्षेत्रों को यूपी पूर्वी और यूपी पश्चिमी के तहत बांटा है. इसके तहत प्रियंका गांधी को 41 संसदीय क्षेत्र और ज्योतिरादित्य सिंधिया को 39 संसदीय क्षेत्र मिले हैं.
जिन संसदीय क्षेत्रों को पूर्वी क्षेत्र के अंतर्गत बांटा गया है उसके तहत प्रियंका गांधी को उन्नाव, मोहनलालगंज, लखनऊ, रायबरेली, अमेठी, सुल्तानपुर, प्रतापगढ़, जालौन के साथ और कई क्षेत्र सौंपे गए हैं. प्रियंका को जिन सीटों की जिम्मेदारी सौंपी गई है उनमें अमेठी और रायबरेली के अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र वाराणसी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गढ़ कही जाने वाली गोरखपुर सीट भी शामिल हैं. इसके अलावा ज्योतिरादित्य सिंधिया को जो पश्चिमी क्षेत्र मिले हैं उसमें सहारनपुर, कैराना, मुज्जफरनगर, बिजनौर, नगीना, मेरठ, गाजियाबाद, बुलंदशहर, अलीगढ़हाछरस, मथुरा, आगरा के साथ और कई नाम शामिल हैं.
हाल ही में राहुल गांधी ने अपनी बहन प्रियंका गांधी को पार्टी महासचिव बनाने के साथ साथ पूर्वी उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाया है और ज्योतिरादित्य सिंधिया को भी पार्टी महासचिव बनाने के साथ पश्चिमी उत्तर प्रदेश का प्रभारी नियुक्त किया है. 23 जनवरी को प्रियंका और सिंधिया को महासचिव नियुक्त करते हुए उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी दी गयी थी.
उत्तर प्रदेश में कुल 80 लोकसभी सीटें हैं और 2014 के चुनाव में यहां बीजेपी ने बंपर जीत हासिल की थी. 80 में से 72 सीटें बीजेपी ने जीती थीं और कांग्रेस के हाथ सिर्फ राहुल गांधी की अमेठी की सीट और यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी की रायबरेली सीट हाथ लगी थी.
कल लखनऊ में प्रियंका गांधी और राहुल गांधी ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ 15 किलोमीटर लंबा रोड शो किया जो कांग्रेस मुख्यालय नेहरू भवन तक चला था. इसके बाद कांग्रेस दफ्तर पर प्रियंका गांधी ने तो कुछ नहीं कहा पर राहुल गांधी ने कहा कि जब तक वो यूपी में जीत हासिल नहीं कर लेते वो चैन से नहीं बैठेंगे. उन्होंने ये भी कहा कि यूपी में कांग्रेस को जिताने के लिए उन्होंने प्रियंका गांधी और सिंधिया को ये जिम्मेदारी सौंपी है.
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