नई दिल्ली: नेहरू-गांधी परिवार की तीसरी पीढ़ी की सदस्य प्रियंका गांधी को कांग्रेस पार्टी का महासचिव और पूर्वी उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाए जाने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपनी पहली प्रतिक्रिया में कहा कि उनकी बहन कर्मठ हैं और उनकी नियुक्ति पर उन्हें निजी तौर पर बहुत ही खुशी है.


राहुल गांधी ने मीडिया में अपनी पहली प्रतिक्रया में अपनी बहन की तारीफ करते हुए कहा, मेरी बहन बहुत ही कर्मठ हैं, सक्षम हैं और पार्टी में उनके आने से मैं बहुत खुश हूं.


प्रियंका गांधी के चुनाव लड़ने के सवाल पर राहुल गांधी ने कहा कि चुनाव लड़ने का फैसला उनका अपना होगा.


प्रियंका गांधी अभी तक अमेठी और रायबरेली में राहुल गांधी और सोनिया गांधी का प्रचार करती रही हैं. वे अभी तक राजनीति में नहीं आईं थीं हालांकि कांग्रेस के कार्यकर्ता लंबे वक्त से ये मांग करते रहे थे कि उन्हें सक्रिय राजनीति में लाया जाए.


अमेठी के कांग्रेस कार्यकर्ता प्रियंका गांधी को कहते हैं 'भइया जी', चौपाल सभाओं में मिलती हैं लोगों से


वैसे अभी तक प्रियंका परदे के पीछे रह कर कांग्रेस के लिए रणनीति बनाती रही हैं. माना जाता है कि राहुल और सोनिया उनसे सलाह भी लेते हैं. माना जाता रहा है कि प्रियंका कांग्रेस का सबसे बड़ा ट्रंप कार्ड हैं और उनके आने से कांग्रेस में नई जान पड़ जाएगी.


47 साल की प्रियंका गांधी का जन्म 12 जनवरी 1972 में हुआ था. 1997 में उन्होंने राबर्ट वाड्रा से शादी की थी. उनके दो बच्चे हैं. प्रियंका गांधी ही नहीं बल्कि राबर्ट वाड्रा और उनके बच्चे भी अमेठी, रायबरेली की सभाओं में नजर आ चुके हैं.


दरअसल लोग इंदिरा गांधी की छवि प्रियंका गांधी में देखते रहे हैं और उनसे राजनीति में आने की मांग करते रहे हैं. 2014 के बाद से प्रियंका की सक्रियता थोड़ा बढ़ी थी और 2016 में उनके बच्चे भी मामा के क्षेत्र में नजर आए थे.


कांग्रेस का मास्टरस्ट्रोक: प्रियंका की राजनीति में एंट्री, अभी तक इस तरह करती रही हैं राहुल-सोनिया को सपोर्ट


बहुत लंबे वक्त से अमेठी और रायबरेली से गांधी परिवार का नाता रहा है. अमेठी में लोग राहुल गांधी को भइया बोलते थे और जब प्रियंका उनके साथ होती थीं तब उन्हें भी 'भइया जी' कहा जाता था. अब भी उन्हें वहां इसी नाम से पुकारा जाता है.


ये तो सभी जानते हैं कि यूपी में समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन की रूपरेखा प्रियंका ने ही बनाई थी और खुद अखिलेश से बात भी की थी. हालांकि इस गठबंधन को यूपी में सफलता नहीं मिल पाई.


ऐसा माना जाता है कि प्रियंका को तामझाम पसंद नहीं और बड़ी रैलियों की अपेक्षा वह चौपालों में लोगों से मिलना पसंद करती हैं. वो जिस तरह सौम्यता के साथ लोगों से पेश आती हैं, लोग उनमें कांग्रेस का भविष्य देखते हैं.


यूपी में लोकसभा की 80 सीटें हैं और पूर्वी उत्तर प्रदेश को बेहद खास माना जाता रहा है. पीएम मोदी खुद वाराणसी से सांसद हैं और सीएम योगी का गढ़ गोरखपुर को माना जाता रहा है. ऐसे में अब प्रियंका गांधी के आने से मुकाबला बेहद रोचक हो जाएगा.