लखनऊ: बीजेपी ने आज कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर आरोप लगाया कि वह सस्ती सियासत के लिए किसानों को बरगलाने की कोशिश कर रहे हैं. बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता शलभ मणि त्रिपाठी ने राहुल गांधी के लखनऊ दौरे पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, ‘‘राहुल गांधी सस्ती सियासत के लिए किसानों को बरगलाने की कोशिश कर रहे हैं.’’


त्रिपाठी ने कहा कि राहुल में अगर जरा भी नैतिकता है तो सबसे पहले उन्हें अमेठी में ट्रस्ट के नाम पर हथियाई गई गरीब किसानों की जमीन तत्काल वापस कर देनी चाहिए. नौकरी की आस में सम्राट साइकिल कंपनी को अपनी जमीनें देने वाले किसान अब कंपनी के भागने के बाद भुखमरी के कगार पर पहुंच चुके हैं. प्रवक्ता ने कहा कि ना किसानों के पास जमीन बची ना ही नौकरी मिली. यहां तक कि उन्हें मुआवजा भी नहीं मिला. उल्टे ट्रस्ट के नाम पर किसानों की जमीन गांधी परिवार के हाथों में जा चुकी है.


राहुल गांधी जनाधार खो चुके हैं: बीजेपी


त्रिपाठी ने कहा, ‘‘राहुल गांधी जनाधार खो चुके हैं. किसानों, गरीबों और नौजवानों के सामने भी उनका असली चेहरा उजागर हो चुका है. खुद उनके संसदीय क्षेत्र अमेठी में जनता का विश्वास राहुल पर से उठ चुका है.’’ उन्होंने कहा कि आज जिस मामले में राहुल गांधी भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) पर विरोध जताने गए थे, ये मामला भी खुद उनकी ही सरकार के वक्त का है और तब यूपीए सरकार ने ही इस मामले को सुलझाने के बजाए और उलझा दिया था.


त्रिपाठी ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार किसानों के हित के लिए शानदार फैसले ले रही है. जनधन खातों, नीम कोटेड यूरिया के उत्पादन, सस्ती बीमा लागू करने जैसे ऐतिहासिक फैसले लेकर सरकार ने किसानों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता साबित कर दी है.


बीजेपी की सरकार ने किसान कर्जमाफी का वादा पूरा किया: त्रिपाठी


बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि उत्तर प्रदेश में बीजेपी ने वादा किया था कि सरकार बनते ही पहली कैबिनेट में किसानों का कर्जा माफ किया जाएगा और सरकार ने अपना यह वादा पहली ही कैबिनेट में पूरा किया. यही नहीं गेहूं खरीद के रिकॉर्ड कायम किए गए और गन्ना किसानों का सौ फीसदी भुगतान भी किया जा चुका है. उन्होंने कहा कि इतना ही नहीं सालों से बंद पड़ी चीनी मिलों को चलाने की प्रक्रिया भी तेजी से शुरू की जा रही है. ऐसे में हताश और निराश कांग्रेस के पास इस सवाल का कोई जवाब नहीं है कि आजादी के बाद करीब छह दशक तक सरकार चलाने के बाद भी किसानों की हालत क्यूं नहीं सुधरी.


शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा, ‘‘यही नहीं, मनरेगा में गरीब किसानों के लिए आए पैसे की भी जमकर लूट हुई. सवाल यह है कि तब राहुल गांधी कहां थे जब मनरेगा के जरिए गरीब किसानों का हक लूटा जा रहा था और उनके लिए आए पैसों की बंदरबांट हो रही थी.’’