रायबरेली: यूपी के रायबरेली में अपराध का ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा है. मारपीट, छिनैती व हत्या जैसे अपराध लगातार बढ़ते जा रहे हैं और पुलिस निरंकुश होकर अपनी ही धुन में व्यस्त है. ऊंचाहार पुलिस का भी एक ऐसा ही कारनामा सामने आया है. यहां जमीनी विवाद में खूब लाठियां चटकी. इसके बाद पीड़ित पक्ष को न्याय दिलाने की बजाय उसको ही लॉकअप में डाल दिया.


जमीनी विवाद ने लिया हिंसक रूप


ऊंचाहार थाना क्षेत्र के कल्याणपुर में जमीनी विवाद को लेकर दो पक्षों में जबरदस्त मारपीट हुई जिसमें पत्थर तो चलते दिखाई ही दिए, लाठियां भी खूब चटकी. सूचना पर पहुंची पुलिस ने पीड़ित की एक नहीं सुनी. ऊंचाहार थाना क्षेत्र के कल्याणपुर में रामेश्वर व शिव कुमार के बीच काफी दिन से जमीन को लेकर विवाद चल रहा है. जिस का बंटवारा ग्राम प्रधान व अन्य संभ्रांत लोगों की उपस्थिति में भी हो चुका है. बंटवारे के समय तो दोनों पक्ष पंचायत का फैसला मान जाते हैं लेकिन जैसे ही उस पर कब्जा करने की बात आती है दोबारा फिर लड़ाई झगड़ा शुरू हो जाता है. ऐसा ही वाकया इस बार भी घटित हुआ.


शिवकुमार ने अपनी नापी हुई जमीन में निर्माण कार्य कराना शुरू कर दिया जिसको देखकर रामेश्वर व उनके अन्य सहयोगियों ने मारपीट शुरू कर दी और देखते ही देखते हिंसक संघर्ष शुरू हो गया.


ईंट पत्थर के साथ चटकी लाठियां


झगड़े में लाठियां, ईंट-पत्थर खूब चले. लड़ाई इतनी बढ़ गई कि दबंगों ने महिलाओं को भी नहीं छोड़ा. महिलाओं के साथ भी जबरदस्त मारपीट हुई. रामेश्वर के पक्ष के लोगों ने शिवकुमार ,उनकी पत्नी, बहन आदि को जमकर मारा पीटा. इस दौरान उनको गहरी चोटें भी आईं. मामला काफी बढ़ता देख ग्रामीणों ने किसी तरह से बीच बचाव तो किया लेकिन तब तक शिव कुमार आदि घायल हो चुके थे. इसके बाद ग्रामीणों ने एंबुलेंस बुलाकर घायलों को अस्पताल पहुंचाया. वहीं सूचना पर डायल 112 भी मौके पर पहुंच गई और घायलों के साथ अस्पताल पहुंची. प्राथमिक उपचार के बाद ऊंचाहार सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों ने मामले को गंभीर देखते हुए जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया.


पीड़ित को ही डाल दिया लॉकअप में


ऊंचाहार पुलिस के कारनामे क्षेत्र में चर्चा के विषय बने हैं. घटना के बाद घायल शिव कुमार का भाई तहरीर लेकर थाने पहुंचा ऊंचाहार पुलिस ने पीड़ित को ही भला-बुरा कहकर लॉकअप में डाल दिया. शिव कुमार का भाई पुलिस के सामने हाथ जोड़कर गिड़गिड़ाता रहा कि साहब हमें छोड़ दीजिए हमारा भाई अस्पताल में अकेले पड़ा है. लेकिन ऊंचाहार पुलिस ने पीड़ित की एक नहीं सुनी. पीड़ित शिवकुमार, रेखा आशा सभी ने पुलिस से न्याय ना मिलने की बात कही. पीड़ित इलाज करा कर अपने घर तो आ गए हैं लेकिन दबंगों व पुलिस की तरफ से पीड़ित को ही दबाने की अभी भी कोशिश जारी है. दबंग खुलेआम घूम रहे हैं.