शहर के काजीपुर स्थित फकीर सेठ के अहाते में करीब एक हजार मोमिन जुटे. नमाजियों ने कहा, "देखा, दुआओं में बड़ी ताकत होती है. ऊपर वाले से की गई दुआएं अपना असर जरूर दिखाती हैं."
देश के कुछ हिस्सों में बारिश कहर परपा रही है, जबकि कालीन नगरी समेत आसपास के जिलों में सूखे जैसे हालत बने हुए हैं. रूठे काले मेघों को मनाने के लिए रविवार को कालीन नगरी के मोमिनों ने विशेष नमाज पढ़ी. इस दौरान आधे घंटे तक तीखी धूप में खड़े होकर करीब एक हजार की तादात में लोगों ने दुआख्वानी की, जिसका असर दोपहर बाद दिखा भी और आसमान में कालीपट्टी नजर आई.
मौसम विभाग के अनुमान को मानसून ने इस साल पूरी तरह से गलत साबित कर दिया. देर से काले मेघों के आने और झमाझम बारिश करने के दावे को पिछले एक पखवाड़ से पड़ रही भीषण गर्मी ने धता बता दिया है. खेतों से उड़ रही धूल अन्नदाताओं के माथे पर बल ला रही है. धान समेत अन्य खरीफ फसलों की बुआई व छिटाई बाधित है. आम आदमी तीखी धूप, लू से बेहाल है.
कारी नजीर ने बरसात के लिए विशेष नमाज 15 मिनट तक पढ़ाई. इसके बाद तीखी धूप में आधे घंटे तक खड़े होकर लोगों ने रो रोकर बरसात के लिए अल्लाह से दुआएं मांगी. कारी शमसुद्दीन ने बताया कि वर्षों पहले ऐसा ही मंजर मक्का में आया था. उस दौरान लोगों ने एक मैदान में खड़े होकर नमाज पढ़कर अल्लाह से गुनाहों की माफी मांगी थी. इसके बाद कहर खत्म हो गया था.