प्रयागराज: यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष राज बब्बर को साल 2015 में लखनऊ में हुई हिंसा के मामले में आज स्थाई तौर पर जमानत मिल गई है. प्रयागराज की स्पेशल एमपी एमएलए कोर्ट ने राज बब्बर के साथ ही कांग्रेस नेता मधुसूदन मिस्त्री, निर्मल खत्री, प्रदीप माथुर और पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य को भी स्थाई जमानत दे दी है. ये नेता अभी तक अंतरिम जमानत पर थे.


अंतरिम जमानत की मियाद आज ही ख़त्म हो रही थी. राज बब्बर व दूसरे अन्य नेताओं ने आज स्पेशल एमपी एमएलए कोर्ट में सरेंडर किया था, जहां कोर्ट ने कुछ घंटों तक इन्हें कस्टडी में रखने के बाद स्थाई तौर पर जमानत दे दी.


जमानत मंजूर होने के बाद राज बब्बर ने बीजेपी पर सियासी हमला बोलते हुए दो सीटों से चुनाव लड़ने के कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के फैसले पर उनका बचाव भी किया. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी से पहले बीजेपी की तरफ से पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेई और मौजूदा पीएम नरेंद्र मोदी भी दो दो सीटों से चुनाव लड़ चुके हैं. ऐसे में बीजेपी को इस मुद्दे पर कुछ भी कहने का कोई अधिकार नहीं है. उन्होंने नसीहत देते हुए कहा कि बीजेपी को ऐसे मामलों में बोलने से पहले इतिहास की जानकारी कर लेनी चाहिए.


गौरतलब है कि कांग्रेस पार्टी ने साल 2015 में पेट्रोल डीजल की बढ़ी हुई कीमतों समेत दूसरे मुद्दों को लेकर लखनऊ के हजरतगंज इलाके में प्रदर्शन किया था. प्रदर्शन के दौरान पुलिस से झड़प होने पर हिंसा व हंगामा भी हुआ था.


इस मामले में प्रदर्शन में शामिल प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर के साथ ही कांग्रेस नेता मधुसूदन मिस्त्री, प्रदीप जैन आदित्य, निर्मल खत्री, अजय राय व प्रदीप माथुर समेत कई के खिलाफ आईपीसी की गंभीर धाराओं में केस दर्ज हुआ था. बाद में यह केस प्रयागराज में माननीयों के आपराधिक मुकदमों के निपटारे के लिए बनी स्पेशल एमपी एमएलए कोर्ट में ट्रांसफर हो गया था. जमानत मिलने के बाद राज बब्बर ने इसे लोकतंत्र की जीत बताया.


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