जयपुर: मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं करने के बाद अब मायावती की बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) राजस्थान में कांग्रेस को झटका दे सकती है. बीएसपी आगामी विधानसभा चुनाव में राज्य की सभी 200 सीटों पर प्रत्याशी उतारेगी. इसके साथ ही पार्टी को लगता है कि गठजोड़ की बातचीत सिरे नहीं चढ़ने का नुकसान अंतत: कांग्रेस को ही होगा.
बीएसपी के प्रदेश उपाध्यक्ष डूंगरराम गेदर ने पार्टी की चुनावी तैयारियों के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘‘तैयारी चल रही है. पार्टी सभी 200 सीटों पर चुनाव लड़ेगी.’’ राज्य के, विशेष रूप से अनुसूचित जाति और जनजाति मतदाताओं में अच्छी पैठ रखने वाली बीएसपी ने बीते कुछ चुनावों में धौलपुर, भरतपुर और दौसा के साथ साथ गंगानगर जिले की कुछ विधानसभा सीटों पर लगातार बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है. जिन सीटों पर वह जीत नहीं पाई, वहां उसने परिणाम तय करने में बड़ी भूमिका निभाई.
2013 के विधानसभा चुनाव में बीएसपी ने तीन सीटें जीतीं और आधा दर्जन से ज्यादा सीटों पर कांग्रेस को एक तरह से तीसरे नंबर पर धकेल दिया. बीएसपी 1990 से ही चुनाव लड़ रही है लेकिन उसे जीत का स्वाद 1998 में मिला जब उसके दो प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की. उस साल बीएसपी ने कुल 108 प्रत्याशी उतारे और उसे 2.17 प्रतिशत वोट मिले.
2003 में बीएसपी 124 सीटों पर चुनाव लड़ी, दो पर जीती और उसे 3.98 प्रतिशत वोट मिले. वहीं 2008 में विधानसभा चुनावों में बीएसपी का प्रदर्शन सबसे अच्छा रहा जब उसने 7.60 प्रतिशत वोटों के साथ छह सीटों पर जीत दर्ज की. 2013 में उसने 195 सीटों पर चुनाव लड़ा और तीन जगह उसे जीत भी मिली लेकिन उसका वोट प्रतिशत घटकर 3.37 प्रतिशत रह गया.
राजस्थान चुनाव 2018: बीजेपी को झटका, जसवंत सिंह के बेटे मानवेंद्र ने राहुल गांधी से मिलाया 'हाथ'
राज्य में एससी की 34 और एसटी की 25 सीटें हैं. बीएसपी ने पिछले विधानसभा चुनाव में 195 सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे. गेदर ने कहा कि इस बार सभी सीटों पर पार्टी प्रत्याशी खड़े करने की तैयारी है. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा ‘‘गठजोड़ सिरे नहीं चढ़ने का नुकसान अंतत: कांग्रेस को ही होगा, बीएसपी पर उसका कोई असर नहीं होने जा रहा है. ’’
उन्होंने उम्मीद जताई कि पार्टी हाइकमान उम्मीदवारों की सूची को जल्द ही अंतिम रूप दे देगा और पार्टी प्रमुख मायावती प्रदेश में प्रचार के लिए आएंगी. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सीताराम मेघवाल ने उम्मीद जताई कि इन चुनावों में पार्टी और बेहतर प्रदर्शन करेगी.
राहुल गांधी बोले- MP में मायावती के साथ नहीं आने से कांग्रेस पर असर नहीं, 2019 में गठबंधन की उम्मीद