जयपुर: राजस्थान विधानसभा चुनाव में जाति-धर्म को लेकर खूब राजनीति हो रही है. इस बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भगवान बजरंगबली को दलित और वंचित करार दिया. उन्होंने अलवर जिले के मालाखेड़ा में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा, ''बजरंगबली एक ऐसे लोग देवता हैं जो स्वयं वनवासी हैं, गिर वासी हैं, दलित हैं और वंचित हैं.'' इस दौरान योगी आदित्यनाथ कांग्रेस पर जमकर बरसे.


योगी के बयान के बाद सोशल मीडिया पर कड़ी प्रतिक्रिया देखी जा रही है. यही नहीं पीठाधीश्वर शारदा द्वारिका पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने पाप किया है. उन्होंने कहा, ''बजरंगबली कैसे दलित थे यह मुख्यमंत्री बताएं. योगी ने यह कहकर पाप किया है.''


शंकराचार्य ने कहा, ''भगवान को दलित कहना यह स्वयं अपराध और पाप है, क्योंकि हमारे यहां दलित नाम का कोई शब्द नहीं था. दलित का अर्थ होता है कि जिसके साथ अत्याचार हुआ हो, जो अत्याचार से पीड़ित हो.''


वहीं राजस्थान के एक संगठन सर्व ब्राह्मण समाज ने तो इस पर योगी को नोटिस भेजकर माफी मांगने को कहा है. समाज का कहना है कि बजरंग बली न तो दलित हैं, न वंचित और न ही लोकदेवता.


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समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुरेश मिश्रा ने अपने वकील के जरिए भेजे नोटिस में योगी आदित्यनाथ से इस मामले में माफी मांगने को कहा है और तीन दिन में ऐसा नहीं करने पर कानूनी कार्रवाई की धमकी दी है.


ब्राह्मण समाज ने नोटिस में कहा है कि हनुमान भगवान हैं. उन्हें वंचित और लोकदेवता बताना न केवल उनका बल्कि लाखों हनुमान भक्तों का अपमान है. कांग्रेस के पूर्व राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने भी योगी के इस बयान पर आपत्ति जताते हुए कहा, ''बीजेपी अभी तक इंसान को बांटने का काम कर रही थी, लेकिन अब यह भगवान को भी जाति में बांट रहे हैं.''