रकबर खान की हत्या पर बीजेपी नेता बोले- 'मरते समय हुमायूं ने बाबर से कहा था, गाय का सम्मान करना'
अगर इतिहास पर नजर दौड़ाएं तो राजस्थान बीजेपी अध्यक्ष मदन लाल सैनी का दावा हास्यास्पद और झूठा है. दरअसल बाबर, हुमायूं का पिता था और बाबर की मौत अपने बेटे की मौत से 25 साल पहले हो गई थी.
नई दिल्ली: अलवर में रकबर खान की हत्या किसने की? यह सवाल अब भी बना हुआ है. इस बीच राजस्थान में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के अध्यक्ष मदन लाल सैनी ने ऐसा बयान दिया है जिसपर विवाद गहरा सकता है. उन्होंने अकबर खान (रकबर) को गो तस्कर बताते हुए कहा कि औरंगजेब के शासन में भी गो हत्या की इजाजत नहीं थी. साथ ही उन्होंने कहा कि जब हुमायुं मर रहा था, उस समय बाबर को बुलाया और कहा कि अगर हिंदुस्तान पर शासन करना है तो गाय का अपमान नहीं करना.
अगर इतिहास पर नजर दौड़ाएं तो सैनी का दावा हास्यास्पद और पूरी तरह गलत है. दरअसल बाबर, हुमायूं का पिता था और बाबर की मौत अपने बेटे की मौत से 25 साल पहले हो गई थी.
हाल ही में राजस्थान बीजेपी के अध्यक्ष बने सैनी ने कहा, ''किसी भी समाज, देश, धर्म की श्रद्धा की बिंदु का सम्मान सभी लोगों को करना चाहिए. मुझे याद आता है, जब हुमायुं मर रहा था, उस समय उसने बाबर को बुलाया था. और उन्होंने कहा था कि हिंदुस्तान में तुमको शासन करना है तो तीन चीजों का ध्यान रखना. गाय, ब्राह्मण और महिला, इनका किसी भी तरह से अपमान नहीं होना चाहिए. हिंदुस्तान इनको सहन नहीं करता है.''
When Humayun was dying, he called Babur and told him, "if you want to rule Hindustan, you must keep three things in mind- respect cows, brahmins & women": Rajasthan BJP President Madan Lal Saini. (24.07.18) pic.twitter.com/ADIscc64vH
— ANI (@ANI) July 25, 2018
उन्होंने कहा, ''मैं आपको याद दिलाना चाहता हूं, कट्टर से कट्टर, औरंगजेब के टाइम भी गो-हत्या बंद थी. मुस्लिम बादशाहों ने कभी गो हत्या की इजाजत नहीं दी. ये कैसे उनके मानने वाले हैं, और जिसका वर्णन है वो गो तस्कर था. इस संबंध में उसके खिलाफ मुकदमा भी है. अब, ये घटना दुर्भाग्यपूर्ण है, हम लोकतंत्र में जीते हैं. यहां कानून का राज है. इसलिए किसी को भी कानून हाथ में नहीं लेना चाहिए.''
आपको बता दें कि 20 जुलाई की रात को अकबर खान अन्य व्यक्ति के साथ पशुओं को ले जा रहा था, तभी अलवर में लालावंडी गांव के समीप ग्रामीणों के एक समूह ने उसे रोक लिया और गो तस्करी का आरोप लगाते हुए उसकी बेरहमी से कथित तौर पर पिटाई कर दी. जिसमें उसकी मौत हो गई. इस मामले में पुलिस की भी बड़ी लापरवाही सामने आई है. कई चश्मीदीदों का दावा है कि अकबर की मौत पुलिस पिटाई में हुई थी.
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