जयपुर: राजस्थान हाईकोर्ट ने पहलू खान, उसके दो बेटों और एक ट्रक चालक के खिलाफ गोकशी के लिये गायों को अवैध तरीके से ले जाने के आरोप में दर्ज मामले को रद्द कर दिया है. बता दें कि पहलू खान की अप्रैल 2017 में कथित गौ रक्षकों ने हत्या कर दी थी. इस मामले में जस्टिस पंकज भंडारी की एकल पीठ ने ‘राजस्थान गोवंश संरक्षण कानून’ और अन्य धाराओं के तहत चारों के खिलाफ दर्ज मामले और आरोप पत्र को रद्द करते हुए कहा कि ऐसा कोई सबूत नहीं है जिससे स्पष्ट हो कि गायों को गोकशी के लिए ले जाया जा रहा था.


पिछले साल दिसंबर में पुलिस ने इरशाद खान और आरिफ खान (पहलू खान के बेटे) और ट्रक चालक खान मोहम्मद के खिलाफ अलवर की बहरोड़ स्थित निचली अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया था. इसके बाद तीनों आरोपियों ने मामले को रद्द करवाने के लिए हाईकोर्ट का रुख किया था. आरोपियों की ओर से पेश वकील कपिल गुप्ता ने कहा कि आपराधिक मामला कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग है क्योंकि ऐसा कोई सबूत नहीं है जिससे साबित हो कि गायों को गोकशी के लिए ले जाया जा रहा था.


कपिल गुप्ता ने दावा किया कि मेडिकल एक्सपर्ट ने साबित किया था कि गायें दुधारू थीं और उनके बछड़े केवल एक महीने के थे. उन्होंने कहा कि स्थानीय बाजार से गायों को खरीदा गया, यह साबित करने के लिए उनके पास रसीद भी थी. फैसले पर पहलू खान के बेटे इरशाद ने बताया, ‘‘हाईकोर्ट द्वारा मुझ पर और मेरे भाई पर दर्ज मामले और आरोप पत्र को रद्द किये जाने से हम खुश हैं. हम गायों को गोकशी के लिए नहीं ले जा रहे थे लेकिन हम पर हमला हुआ. आज हमारे साथ न्याय हुआ है.’’


2017 की है घटना


बता दें कि एक अप्रैल 2017 को 55 वर्षीय पहलू खान, उनके दो बेटे और अन्य लोग गाय ले जा रहे थे तभी अलवर जिले के बहरोड़ में कथित गौ रक्षकों की भीड़ ने रोककर उनकी पिटाई कर दी. पहलू खान की तीन अप्रैल 2017 को इलाज के दौरान मौत हो गई थी. अलवर की अदालत ने संदेह का लाभ देते हुए इस साल 14 अगस्त को पहलू खान की पिटाई करने के मामले में सभी छह आरोपियों को बरी कर दिया था. हालांकि, राजस्थान सरकार ने इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की है.


पहलू खान के बेटे ने कहा


इरशाद ने कहा, ‘‘बीजेपी शासन के दौरान पुलिस ने निष्पक्ष जांच नहीं की. हम पशुपालक हैं और गायों को उसी के लिए ले जा रहे थे लेकिन हमें गलत तरीके से आरोपी बनाया गया. गोकशी कभी उद्देश्य नहीं रहा.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमारे परिवार को अब उम्मीद है कि मेरे पिता को मौत के बाद हाईकोर्ट से न्याय मिलेगा जहां राज्य सरकार ने भीड़ हिंसा करने वालों को बरी करने के खिलाफ अपील की है.’’


निचली अदालत से बरी होने के बाद राज्य सरकार ने जांच में खामियों और अनियमितताओं का पता लगाने और जांच अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करने के लिए विशेष जांच टीम (एसआईटी) गठित की. गौरतलब है कि पहलू खान और अन्य जयपुर से हरियाणा के नूंह जा रहे थे . तभी बहरोड़ में दिल्ली-जयपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर कथित गौ रक्षकों ने उन्हें रोक लिया था.


यह भी पढ़ें-


सामने आया बगदादी के ठिकाने पर अमेरिकी फौज के हमले का वीडियो, सीरिया में मारा गया था IS चीफ


जम्मू-कश्मीर और लद्दाख देश के दो नए केन्द्र शासित राज्य बने, लद्दाख में आरके माथुर ने ली उप-राज्यपाल पद की शपथ