जयपुर: कुछ महीने पहले राजस्थान के कोटा के सरकारी अस्पताल में नवजात बच्चों की मौतों को लेकर विवाद में आये राजस्थान के चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा फिर से एक नए विवाद में फंसते नज़र आ रहे हैं. मंत्री रघु शर्मा के बेटे सागर शर्मा किसी भी सरकारी पद पर नहीं है और ना ही वो कांग्रेस में किसी पद पर हैं इसके बावजूद मंत्री पिता के नाम पर वो कारनामा किया जिसकी वजह से मंत्री रघु शर्मा अब बीजेपी सहित अन्य राजनीतिक दलों के निशाने पर आ गए हैं.


मौका सोमवार को जिला कलेक्टर के यहां हुई मीडिया कांफ्रेंस का था. अजमेर के जिला कलेक्टर विश्व मोहन शर्मा और पुलिस अधीक्षक कुंवर राष्ट्रदीप बैठक में थे. इनके अलावा अजमेर के सीएमएचओ के.के सोनी और एडीएम हीरा लाल मीणा भी वहां थे लेकिन इन सब लोगों के बीच मंत्री रघु शर्मा के बेटे सागर शर्मा भी बैठे थे. सागर शर्मा का इस तरह जिला प्रशासन के बीच सरकारी प्रेस वार्ता में मौजूद रहना बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है. सिर्फ इतना ही नहीं मामला इसके भी आगे बढ़ा जब सागर शर्मा ने वहीं जिला कलेकटर के सभागार में मीडिया को बयान भी दे डाला.


साहर शर्मा ने कहा कि अजमेर उनके पिता का क्षेत्र है इसलिए वो यहां कोरोना से लड़ाई के लिए मास्क और सैनिटाइजर के साथ फेस शील्ड बांटने आये थे. लेकिन उनके लिए अजमेर जिला प्रशासन किस तरह नतमस्तक हुआ वो भी दिलचस्प है. इस दौरान वहां सागर शर्मा की तिरंगा लगी हुई निजी कार कलक्टर के दफ्तर में ठीक उस जगह खड़ी रहीं जहां सिर्फ जिला कलक्टर की सरकारी गाड़ी पार्क होती है.


मंत्री रघु शर्मा के बेटे की कार के चालक को जब मीडिया के उनकी कार की तस्वीरें लेने का पता चला तो उसने फ़ौरन तिरंगा ढक दिया. इसके बाद जब सागर शर्मा कलेक्टर के दफ्तर से बाहर निकले तो एडीएम हीरा लाल और सीएमएचओ के.के सोनी बाकायदा उन्हें विदाई देने पोर्च में उनकी कार तक आये. अब बीजेपी ने मंत्री रघु शर्मा को अपने निशाने पर ले लिया है.



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