राजस्थानः DIG का भाई बनकर वसूली करने का आरोपी गिरफ्तार, आलीशान घर देखकर हैरान रह गई एसीबी की टीम
आरोपी प्रमोद शर्मा भरतपुर रेंज के डीआईजी लक्ष्मण गौड़ का भाई बनकर एक थाने के एसएचओ से दस लाख रुपए मांग रहा था. एसीबी ने प्रमोद को 5 लाख की वसूली करते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है.
जयपुरः जयपुर में एसीबी के हत्थे चढ़े एक आरोपी के घर पर छापेमारी के लिए गई टीम उस वक़्त हैरान हो गई जब टीम ने आरोपी के घर की शान शौक़त देखी. ऐसा घर जो सिर्फ़ फ़िल्मों में देखने को मिलता है ठीक वैसे ही घर में आरोपी दलाल प्रमोद शर्मा ठाट बाट से रह रहा था.
एसीबी को पता चला था कि श्रीनाथ टूर एंड ट्रेवल्स का मालिक प्रमोद शर्मा भरतपुर रेंज के डीआईजी लक्ष्मण गौड़ का भाई बनकर एक थाने के एसएचओ से दस लाख रुपए मांग रहा है. एसीबी ने शिकायत के आधार पर जाल बिछाया और प्रमोद शर्मा को पांच लाख की वसूली करते हुए दबोच लिया.
एसीबी को शक है कि यह सारा मामला पांच लाख की रिश्वत से कहीं बड़ा है. आरोपी प्रमोद शर्मा आईपीएस लक्ष्मण गौड़ के घर से उनके ही फोन का इस्तेमाल कर रकम वसूली की मांग कर रहा था. लेकिन खुद लक्ष्मण गौड़ उस समय अपने घर से दो सौ किलोमीटर दूर भरतपुर में थे. गौड़ के मुताबिक़ प्रमोद उनका परिचित था मगर इस मामले से उनका कोई संबंध नहीं है.
आरोपी प्रमोद के मालवीय नगर इलाके में स्थित बहुमंज़िला मकान पर जब एसीबी की टीम पहुंची तो उन्हें वहां मिला महंगा सामान, करोड़ों का इंटीरियर जो किसी होटल से कम नहीं था.
एसीबी अफसरों ने बताया कि प्रमोद के बाथरुम में जो जकूजी हॉट स्पा बाथ टब लगा था ऐसा तो सिर्फ फिल्मों में ही देखा था. उसकी कीमत ही चार से पांच लाख रुपए है. घर में होम थियेटर, लाखों का टीवी और अन्य संसाधन थे. मकान में इतना पैसा लगाया गया है कि वह पांच सितारा होटल की तरह हो गया. हर जगह पर इंम्पोटेड सामान का यूज किया गया. मकान की लागत देखकर नहीं लगता कि यह सिर्फ पांच लाख रुपए के ट्रेप का ही मामला होगा, मामला कहीं ज्यादा बड़ा है.
इस पांच लाख के घूसकांड के बाद एसीबी के अफसर सोच में पड़ गए हैं. इसका कारण है कि एक सीनियर आईपीएस अफसर की बातें एसीबी अधिकारियों के गले नहीं उतर रही हैं. सरकार से बिना अनुमति लिए आईपीएस अफसर लक्ष्मण गौड़ से पूछताछ भी नहीं की जा सकती और जांच का दायरा भी बढ़ाना है. प्रमोद शर्मा के मोबाइल फोन की सख्ती से जांच की जा रही है. हांलाकि, व्हाट्सएप कॉल का डेटा निकलवाना बड़ी चुनौती है.
ख़ास बात यह है कि यह पहला इस तरह का केस है जिसमें दलाल ही हाथ आया है जबकि वह अफसर के घर में बैठकर रिश्वत मांग रहा था और अफसर के घर के फोन से ही कॉल कर रहा था. लेकिन अफसर भरतपुर रेंज आई लक्ष्मण गौड़ उस समय वहां नहीं थे. एसीबी अफसरों का कहना है कि अधिकतर कार्मिक आजकल दलाल की मदद से रिश्वत लेते हैं ताकि गिरफ्तारी से बच सकें. लेकिन ट्रैप होने पर दलाल और सरकारी कार्मिक दोनो ही हाथ आते हैं. इस केस में दलाल ही हाथ आ सका है, जिसके नाम से वह रिश्वत मांग रहा था उनकी भूमिका की जांच के बाद ही केस आगे बढ़ सकेगा.
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