राजीव प्रताप रूडी ने अपनी ही सरकार के मंत्री को सुनाई खरी-खोटी, कामकाज पर खड़े किए सवाल
यह पहली बार नहीं है जब रूडी ने अपनी ही सरकार के मंत्री के कामकाज पर सवाल उठाए हों. इससे पहले 26 जून को प्रश्नकाल के दौरान बीएसएनएल और एमटीएनएल से जुड़े सवाल पर रविशंकर प्रसाद के जवाब से असंतुष्ट रूडी ने उनसे सही आंकड़े पेश करने को कहा था.
नई दिल्ली: सरकार के लिए आज लोकसभा में उस वक्त एक अजीबोगरीब स्थिति पैदा हो गई जब बीजेपी के वरिष्ठ सांसद राजीव प्रताप रूडी ने अपनी ही सरकार के कामकाज पर सवाल खड़ा कर दिया. इसके साथ ही मंत्री के खिलाफ विशेषाधिकार लाने की बात कह डाली. रूडी ने पर्यटन मंत्री प्रहलाद पटेल पर उनकी मांग की अनदेखी करने का भी आरोप लगाया.
ऐसा नजारा संसद में कम ही देखने को मिलता है जब सत्ताधारी दल का ही कोई सांसद सरकार को कटघरे में खड़ा करे. पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूडी ने विपक्षी सांसद जैसे तेवर दिखाए. बिहार में इको टूरिज्म के मामले पर सवाल पूछते हुए रूडी पर्यटन मंत्री प्रहलाद पटेल के जवाब से संतुष्ट नहीं हुए और उनको खरी-खोटी सुना दी.
रूडी ने कहा कि उनके संसदीय क्षेत्र में इको टूरिज्म के विकास का मामला पिछले तीन सालों से मंत्रालय के चक्कर काट रहा है लेकिन कोई ठोस काम नहीं हो पाया है. उसके बाद जब प्रहलाद पटेल ने जब जवाब दिया कि इस मामले में बिहार सरकार से कोई डीपीआर नहीं मिला है, तो रूडी ने कागजात दिखाते हुए कहा कि अगर सदन में इसे पेश करने के बाद भी ऐसा कहा जा कहा है तो ये विशेषाधिकार का मामला है.
वैसे ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि इस सत्र के दौरान राजीव प्रताप रूडी ने सरकार के कामकाज पर सवाल उठाए हो. इससे पहले 26 जून को प्रश्नकाल के दौरान ही बीएसएनएल और एमटीएनएल से जुड़े एक सवाल पर दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद के जवाब से असंतुष्ट रूडी ने उनसे सही आंकड़े पेश करने को कहा था. उस वक्त भी रूडी और रविशंकर प्रसाद के बीच सदन में ही बहस हुई थी. एक दूसरे मौके पर रूडी ने नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप पुरी को भी एयर इंडिया के मसले पर घेरा था.
बिहार के सारण लोकसभा सीट से जीते राजीव प्रताप रूडी चौथी बार लोकसभा के सांसद बने हैं. इसके अलावा वह दो बार राज्यसभा के और एक बार बिहार विधानसभा के भी सदस्य रह चुके हैं. अटल बिहारी वाजपेई के नेतृत्व में बनी सरकार में रूडी वाणिज्य राज्य मंत्री और नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री ( स्वतंत्र प्रभार ) का कार्यभार संभाल चुके हैं. मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में भी वह केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं. उम्मीद थी कि उनकी वरिष्ठता को देखते हुए नई सरकार में भी उन्हें मंत्री बनाया जाएगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ. सवाल ये है कि क्या राजीव प्रताप रूडी कहीं इसी के चलते नाराज़ तो नहीं हैं?