पटना: बिहार में लगातार चमकी बुखार से हो रही बच्चों की मौत पर जहां एक तरफ पूरा देश आक्रोशित है तो वहीं आय दिन इसको लेकर नेताओं के अजीबो-गरीब बयान भी आ रहे हैं. अब बिहार के सारण लोकसभा सीट से बीजेपी सांसद राजीव प्रताप रूडी ने कहा है कि बच्चों की मौत के लिए केवल लीची को दोष देना ठीक नहीं है. उन्होंने इस बीमारी के पीछे चीन की साजिश होने का भी शक जताया.
राजीव प्रताप रूडी ने कहा, ''बिहार में एक घटना हुई है जिसमें 110 बच्चों की मौत हो गई है. चिंता का विषय है. सरकार पूरी ताकत से लगी हुई है, हम मृतकों के परिवार के साथ हैं. हमें दुख है और सभी 10 साल से कम उम्र के बच्चे हैं. हम प्रयास कर रहे हैं. हम सभी राजनेता और जन प्रतिनिधि हैं. हम वैज्ञानिक नहीं हैं, डॉक्टर नहीं हैं.''
उन्होंने आगे कहा, ''एक घटना हुआ है क्या एक साजिश है. मुझे बचपन से लीची बहुत पसंद है और यह आप सभी को पसंद होगा. यह 15 दिनों का फसल है. पूरी दुनिया में जितनी लीची का फसल है 40 फिसदी उसमें भारत की हिस्सेदारी है. अधिकांश उसमें बिहार में है. हम लीची खाते आए हैं, इससे कभी हम बिमार नहीं हुए. हजारों करोड़ रुपये का निर्यात होता है. भारत के बाद सबसे अधिक लीची अगर कहीं होता है तो वह है चीन. हजारों करोड़ का लीची आज बंदरगाहों पर रखा हुआ है. जो जूस बनता था वह पीना छोड़ दिया.''
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, ''अब समझना आवश्यक है कि लीची खाने से बच्चे मरे हैं या कोई और कारण है. कहीं यह साजिश तो नहीं है. चिंता का विषय सिर्फ इतना है कि लोग आज लीची खाना छोड़ रहे हैं. घरों में नहीं ला रहे हैं. लोगों तक सच्चाई पहुंचाने की जरूरत है कि इंस्फेलाटिस का कारण क्या था. ये बच्चे मरे तो क्यों मरे? क्या यह चीन के कारण...मैं आरोप नहीं लगा रहा हूं. कहीं यह साजिश नहीं हो. यही आग्रह करूंगा कि मुझे सच्चाई जाननी है. ताकि किसानों को नुकसान नहीं पहुंचे.''
इससे पहले भी कई नेताओं ने चमकी बुखार को लेकर दी बेतुकी दलीलें
बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे- नियति को ठहराया जिम्मेदार
बिहार सरकार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने इस बुखार के लिए अजब-गजब कारण बताते हुए नियति को जिम्मेदार ठहरा दिया. उन्होंने कहा, "न प्रशासन जिम्मेदार है, न सरकार जिम्मेदार है, मैं मानता हूं जो नियति है वो ठीक नहीं है, और जो मौसम है वो भी इसके लिए एक मुख्य कारण है."
केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे- लीची को बताया मौत की वजह
चमकी बुखार से हो रही मौतों को लेकर केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने एक निजी चैनल से बात करते हुए कहा, "बच्चों की मौतों के पीछे कई सारे कारण हैं. एक वजह ये भी है कि बच्चे भूखे पेट लीची खा लेते हैं, लीची में जो बीज होता है वो शरीर में शुगर को कम कर देता है. जिसकी वजह से इन्सेफ्लाइटिस हो रहा है." हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि इस पर रिसर्च की जा रही है.
अश्विनी चौबे का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, इस वीडियो में मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन की प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान वो सोते हुए नजर आ रहे थे. इसे लेकर जब उनसे सवाल किया गया तो उन्होंने अपनी इस गलती को छिपाने के लिए ये कह दिया कि वो चिंतन कर रहे थे.
मुजफ्फरपुर के बीजेपी सांसद अजय निषाद- ग्लोबल वार्मिंग की थ्योरी दी
बिहार के मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार का प्रकोप सबसे ज्यादा है. ऐसे में वहां के बीजेपी सांसद अजय निषाद ने इस महामारी को लेकर अजीब ही दलील पेश की है. अजय निषाद ने ABP न्यूज से बातचीत में कहा है कि गर्मी और गंदगी के कारण ये बीमारी ज्यादा फैल रही है. अजय निषाद ने ग्लोबल वार्मिंग की थ्योरी भी दे दी. उनके मुताबिक ग्लोबल वॉर्मिंग के कारण गर्मी बढ़ रही है और बीमारी का उपाय यही है कि पेड़ पौधे लगाए जाएं.
बिहार में चमकी बुखार से अबतक 155 बच्चों की मौत
बिहार में चमकी बुखार यानि एक्यूट एन्सेफलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) की वजह से अब तक 155 बच्चों की मौत हो चुकी है और केवल मुजफ्फरपुर में 120 बच्चों की जान चली गई है. 16 जिलों में दिमागी बुखार (एईएस) के मामले सामने आए हैं. स्वास्थ्य विभाग ने गुरुवार को बताया कि एक जून से राज्य में एक्यूट एन्सेफलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) के 626 मामले दर्ज किए गए हैं.
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