(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
शिखर समागम 2018: राजनाथ सिंह ने हिंसा मामले में गिरफ्तारी पर कहा- हम 'प्रेशर कुकर' नहीं दबा रहे
एबीपी न्यूज के कार्यक्रम 'शिखर समागम 2018' में पहुंचे राजनाथ सिंह ने मानवाधिकार कार्यकर्ताओं गिरफ्तारी, कश्मीर की मौजूदा स्थिति, एनआरसी, मॉब लिंचिंग, पेट्रोल-डीजल की कीमत और जातीय हिंसा पर खुलकर राय रखी.
लखनऊ: केंद्रीय गृहमंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता राजनाथ सिंह ने भीमा कोरेगांव मामले में मानवाधिकार कार्यकर्ताओं गिरफ्तारी, कश्मीर की मौजूदा स्थिति, एनआरसी, मॉब लिंचिंग, पेट्रोल-डीजल की कीमत और जातीय हिंसा पर खुलकर राय रखी. एबीपी न्यूज के कार्यक्रम 'शिखर समागम 2018' में पहुंचे राजनाथ सिंह ने कहा कि जिन पांच लोगों को पिछले दिनों महाराष्ट्र पुलिस ने गिरफ्तार किया उनमें से कुछ पहले भी गिरफ्तार हो चुके हैं. उनपर तथ्य के आधार पर कार्रवाई हुई है.
मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी उन्होंने गिरफ्तारी पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी पर कहा कि हम प्रेशर कुकर को नहीं दबा रहे हैं. दरअसल पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाए थे और सुनवाई के दौरान जस्टिस धनन्जय वाई चन्द्रचूड़ ने कहा था, ''असहमति लोकतंत्र का सेफ्टी वाल्व है और यदि आप इन सेफ्टी वाल्व की इजाजत नहीं देंगे तो यह फट जायेगा.''
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राजनाथ सिंह ने कहा, ''किसी सरकार को गिराने की साजिश करना, हिंसा को देने करने के लिए अपनी विचारधारा का सहारा लेना और सबसे बड़ी बात किसी देश को तोड़ने के लिए साजिश करना मैं समझता हूं इससे बड़ा अपराध कुछ और नहीं हो सकता. कार्यवाही के बाद मैंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री से बात की और पूरी जानकारी हासिल की. मुख्यमंत्री ने बताया क्यों गिरफ्तारी की गई अब मामला कोर्ट के विचाराधीन है, अब वही अंतिम फैसला होगा.''
उन्होंने कहा, ''कुछ लोग हिंसा को केवल ग्रामीण ही नहीं शहर में भी लोग बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं, हम ये खुफिया रिपोर्ट के आधार पर कह रहे हैं.''
कश्मीर में हिंसा कश्मीर में पुलिसकर्मियों के रिश्तेदारों को अगवा किये जाने और हिंसा की घटना पर राजनाथ सिंह ने कहा कि घाटी में हिंसा फैलाने की कोशिश पड़ोसी देश करता रहा है. उन्होंने कहा, ''जम्मू कश्मीर की समस्या को लेकर पड़ोसी देश (पाकिस्तान) हमेशा भारत को तोड़ने की साजिश करता रहता है जबकि भारत ने हमेशा पड़ोसी देशों के साथ अच्छे संबंध रखने की पहल की है.'' राजनाथ सिंह ने कहा कि कश्मीर में पहले से ही स्थिति खराब है. 1980 से वहां स्थिति खराब है. हम इसका स्थायी समाधान निकालने के लिए काम कर रहे हैं.
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महागठबंधन राजनाथ सिंह ने बीजेपी के खिलाफ विपक्ष की गोलबंदी पर कहा कि देश की जनता ही फैसला करेगी. मोदी सरकार ने देश की जरूरतों को समझा और उसी ओर काम कर रही है.
पेट्रोल-डीजल पेट्रोल डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी और डॉलर के मुकाबले रुपये की कमजोरी पर राजनाथ सिंह ने कहा कि पेट्रोल के दाम का विकल्प हम लोग निकाल लेंगे. रुपये में कमजोरी अंतराष्ट्रीय बाजारों की वजह से है. भारत ही नहीं विदेशी मुद्रा में भी गिरावट आई है. एक्सपोर्ट बढ़ा रहे हैं.
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मॉब लिंचिंग गोरक्षा को लेकर बीजेपी के रुख और गोमांस के निर्यात बढ़ने की खबर पर राजनाथ सिंह ने कहा कि हमें जितना पता है इसमें कमी आई है. उन्होंने मॉब लिंचिंग पर कहा कि हम सख्ती से निपट रहे हैं. हमने पहले भी हमने कहा है कि कार्रवाई कर रहे हैं. आपको बता दूं कि 1984 में सबसे बड़ा मॉब लिंचिंग हुआ था.
जातिगत जनगणना राजनाथ सिंह ने कहा कि 1930 में जनगणना जाति के आधार पर हुई थी. रिजर्वेशन का लाभ मिलता है लेकिन यह जरूरी है की रिजर्वेशन किस को और कितने लोगों को मिल रहा है यह जानकारी सरकार को होनी चाहिए, इसलिए जातिगत गणना करवाने की बात कही गई थी.
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एससी-एसटी एक्ट उन्होंने एससी-एसटी एक्ट में संशोधन किये जाने पर और उसके खिलाफ उठ रही आवाजों पर कहा कि हमें सभी का सम्मान करना चाहिए. जातीय हिंसा पर उन्होंने कहा, ''आगे न हो इसके लिए सरकार ने कदम उठाए हैं. लेकिन एक बात है कि पूरी दुनिया में कोई भी सरकार पूरी तरह हिंसा को नहीं रोक सकती है. भारत विविधिताओं का देश है.'' राजनाथ ने कहा, ''किसी का उत्पीड़ण नहीं होगा. इस मामले को तूल नहीं देना चाहिए. कोई नया कानून नहीं है, ये कानून पहले से था. हम ये कोशिश करेंगे की एससी-एसटी एक्ट का गलत इस्तेमाल न हो.''
एनआरसी एनआरसी पर राजनाथ सिंह ने कहा कि 40 लाख लोग एनआरसी से बाहर हुए लेकिन एक भी घटना नहीं हुई. इसे कहते है सरकार. हमारी सरकार की पीठ थपथाई जानी चाहिए. वहीं खालिस्तानी समर्थकों के प्रदर्शन पर राजनाथ सिंह ने कहा कि एक भी हिंदुस्तानी सिख नहीं है खालिस्तानी समर्थक. हम ये कभी नहीं होने देंगे. खालिस्तानी आंदोलन में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई का हाथ है.
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वन नेशन, वन इलेक्शन एक साथ लोकसभा और विधानसभा चुनाव कराए जाने पर राजनाथ सिंह ने कहा कि पांच साल में दो बार से ज्यादा चुनाव न हो ऐसी इच्छा है. प्रधानमंत्री भी यही चाहते हैं. चुनाव एक साथ कराए जाने के लिए संविधान संशोधन जरूरी है. विपक्षी दल भी देश हित में साथ आएं लेकिन वो समर्थन नहीं कर रहे हैं.
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