इलाहाबाद: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एक दशक पहले बीएसपी विधायक राजू पाल की हत्या के मामले में बाहुबली नेता और पूर्व सांसद अतीक अहमद की जमानत अर्जी खारिज कर दी है. राजू पाल की पत्नी पूजा पाल ने कोर्ट में जमानत खारिज करने की मांग करते हुए एक याचिका दायर की थी. अतीक अहमद  समाजवादी पार्टी से जुड़े रहे  हैं और फूलपुर लोकसभा सीट से सांसद रह चुके हैं.


दो बार विधायक रही पूजा पाल ने याचिका में आरोप लगाया है कि जेल से बाहर रहते हुए अतीक अहमद ने हत्या के इस मामले में गवाहों को डराने की कोशिश की थी. अतीक अहमद इन दिनों यूपी की देवरिया जेल में बंद हैं. जमानत खारिज होने से जेल से बाहर आने की अतीक की उम्मीदों पर फिलहाल पानी फिर गया है.


अतीक अहमद के भाई अशरफ को हराकर इलाहाबाद पश्चिम सीट से जीते राजू पाल की 25 जनवरी, 2005 को दिन दहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस हत्याकांड से महज तीन महीने पहले ही वह चुनाव जीतकर विधायक बने थे. पूजा पाल की तरफ से दायर एक याचिका पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा पिछले साल राजू पाल की हत्या की सीबीआई जांच का आदेश दिया गया था.


एक अन्य मामले में भी जमानत खारिज


इससे पहले कल इलाहाबाद हाई कोर्ट ने शियाट्स एग्रीकल्चर डीम्ड यूनिवर्सिटी में टीचर्स-स्टाफ के साथ मारपीट करने और गुर्गो द्वारा सरेआम असलहा लहराए जाने के आरोप में अतीक की जमानत अर्जी खारिज कर दी थी.


जस्टिस प्रत्यूष कुमार की सिंगल बेंच ने अपने फैसले में कहा है कि अतीक जमानत मिलने के बाद फिर से आपराधिक घटनाओं को अंजाम देने लगते हैं, इसलिए उन्हें जमानत न हीं दी जा सकती है. कोर्ट ने इसी आधार पर अतीक की जमानत अर्जी खारिज कर दी हैं.


अखिलेश यादव राज में जब अतीक को गिरफ्तार नहीं किया गया तो इस मामले में हाईकोर्ट को दखल देना पड़ा था. हाईकोर्ट के दखल पर अतीक को 11 फरवरी को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया. बाद में यूपी में योगी की सरकार बनने पर अतीक को इलाहाबाद की नैनी सेंट्रल जेल से देवरिया जेल में शिफ्ट कर दिया गया था.