नई दिल्ली: राज्यसभा चुनाव में बीजेपी ने यूपी में शानदार जीत हासिल की है. राज्य में जिन 10 राज्यसभा सीटों पर चुनाव हुए उनमें से 8 पर तो बीजेपी की जीत पहले से ही तय थी, लेकिन बीजेपी ने बीएसपी को हराकर 9वीं सीट भी अपने नाम कर ली. बीजेपी के जीतने वाले उम्मीदवारों में वित्त मंत्री अरुण जेटली और पार्टी प्रवक्ता जीवीएल नरसिंहा राव के अलावा अनिल जैन प्रमुख हैं. 9वीं सीट के लिए हुई टक्कर में बीजेपी के अनिल अग्रवाल ने बीएसपी के भीमराव आंबेडकर को दूसरी वरीयता के वोटों के बल पर हराया.


बीजेपी की शानदार जीत के बाद लखनऊ में बीजेपी दफ्तर पर जमकर जश्न मनाया गया. इस मौके पर सीएम योगी ने एनडीए के सभी विधायकों को धन्यवाद दिया और एसपी पर निशाना साधते हुए कहा कि एसपी केवल लेना जानती है, देना नहीं. बीएसपी उम्मीदवार भीमराव आंबेडकर को मिली हार के बाद बीएसपी के सतीश मिश्रा ने आरोप लगाया कि बीजेपी ने धनबल का इस्तेमाल किया, वोटिंग के दौरान भी धांधली की गई.


सीएम योगी ने फुलपूर और गोरखपुर लोकसभा चुनाव में हार का बदला सिर्फ 2 हफ्ते के अंदर ले लिया. पल-पल के रोमांच से सजे मुकाबले में आखिरी फैसला बीजेपी के पक्ष में आया और उसने अपना नौवें प्रत्याशी अनिल अग्रवाल को भी जिता लिया. राज्यसभा चुनाव में जीत के लिए सीएम योगी ने एसपी और बीएसपी के ही तुरुप के इक्कों का इस्तेमाल किया.


अनिल सिंह (बीएसपी), नितिन अग्रवाल (एसपी), और विजय मिश्रा (निषाद पार्टी) ने बीजेपी के पक्ष में वोट देकर राज्यसभा चुनाव के पूरे गणित को पलट कर रख दिया. राज्यसभा के इस चुनाव में योगी की प्रतिष्ठा दांव पर थी. बीजेपी ने ना सिर्फ बीएसपी और एसपी को तोड़ा बल्कि जिस निषाद पार्टी के दम एसपी ने गोरखपुर में योगी के किले को ध्वस्त किया, उसी पार्टी के इकलौते विधायक को अपने पाले में लाकर योगी ने विरोधियों की सियासी कमर तोड़ दी.


- चुनाव में जीत के लिए एक उम्मीदवार को 37 वोटों की जरूरत थी
- बीजेपी के 8 और एसपी के 1 प्रत्याशी को पूरे वोट मिल गए
- लेकिन बीजेपी नौंवे प्रत्याशी अनिल अग्रवाल और बीएसपी के भीमराव आंबेडकर को पूरे वोट नहीं मिले
- फिर दूसरे वरीयता के वोटों से फैसला हुआ और बीजेपी उम्मीदवार को जीत मिली
- बीजेपी ने बीएसपी को एसपी-कांग्रेस के समर्थन के बावजूद, 37 के जादुई आंकड़े तक पहुंचने से रोक दिया