एटा: एटा के एक कार्यक्रम में शामिल होने आए समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव ने कहा कि प्रियंका गांधी के राजनीति में आने से सपा-बसपा गठबंधन को कोई नुकसान नहीं होगा बल्कि फायदा ही होगा. उन्होंने कहा कि कोई पार्टी किसी को भी कोई भी पद दे सकती है. प्रियंका को यदि महासचिव बनाया गया है तो हैरत की कोई बात नहीं है.


प्रियंका गांधी के राजनीति में आने से जहां यूपी भर में कांग्रेसियों का हौसला बढ़ा हुआ है वहीं विरोधी दलों के नेताओं ने इसे खासी तवज्जो नहीं दी है. सपा, बसपा, भाजपा ने इस पर कोई खास बयान नहीं दिए और इसे कांग्रेस का अंदरुनी मामला बताया है.


आपको बता दें कि कांग्रेस, प्रियंका के सहारे चुनावी तैयारी में जोर-शोर से जुट गई है. यूपी पर कांग्रेस का सबसे अधिक फोकस है. यही वजह है कि कांग्रेस दिल्ली की बजाय लखनऊ में 4 फरवरी को प्रियंका को चार्ज दिलवाएगी. इस मौके पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी मौजूद रहेंगे.


खबर ये भी है कि प्रियंका गांधी, मां सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली से चुनाव लड़ सकती हैं. रायबरेली को कांग्रेस का गढ़ माना जाता है.


उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा का गठबंधन होने और उसमें कांग्रेस को शामिल ना किये जाने के बाद उभरे समीकरणों में प्रियंका का अचानक पूर्वी उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनना बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है.


साल 2004 के लोकसभा चुनावों में पूर्वांचल से बीजेपी और कांग्रेस के हिस्से में दो-दो सीटें आई थीं. इसके बाद हुए 2007 में हुए विधान सभा चुनावों कांग्रेस के खाते में सिर्फ़ दो सीटें आई थीं. साल 2009 में हुए लोकसभा चुनावों में पूर्वांचल से कांग्रेस को छह सीटें मिलीं थीं.


साल 2014 के लोकसभा चुनावों में मोदी लहर के बावजूद वोटिंग प्रतिशत के हिसाब से कांग्रेस अच्छा प्रदर्शन किया था. लेकिन फिर भी उसे पूर्वी उत्तर प्रदेश में कोई सीट हासिल नहीं हुई थी. कांग्रेस पूरे यूपी से अमेठी और रायबरेली के अलावा कोई लोकसभा सीट नहीं जीत पाई थी.