लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘मस्जिद इस्लाम का अभिन्न अंग है या नहीं’ के बारे में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कहा कि अयोध्या मसले का निपटारा जितनी जल्दी हो जाए, उतना ही देश के लिये अच्छा है.
योगी ने वाराणसी में सुप्रीम कोर्ट के गुरूवार के फैसले के बारे में पूछे जाने पर कहा कि देश अयोध्या मसले का जल्द से जल्द हल चाहता है. उन्होंने कहा कि अयोध्या मसले का जल्द से जल्द निपटारा देश के लिये अच्छा है. वह अपील करते हैं कि मामले में निर्णय शीघ्र आये.
बता दें कि निपटारा ने ‘मस्जिद इस्लाम का अभिन्न अंग है या नहीं’ के बारे में शीर्ष अदालत के 1994 के फैसले को फिर से विचार के लिए पांच सदस्यीय संविधान पीठ के पास भेजने से आज इनकार कर दिया.
प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली शीर्ष अदालत की पीठ ने 2-1 के बहुमत के फैसले में कहा कि दीवानी वाद का फैसला सबूतों के आधार पर होना चाहिए और पहले आये फैसले की यहां कोई प्रासंगिकता नहीं है.तीन जजों की बेंच ने सुनवाई की अगली तारीख 29 अक्टूबर तय की है. माना जा रहा है कि अब मामले की नियमित सुनवाई होगी.
क्या था मस्ज़िद की अनिवार्यता का सवाल?
मसला 1994 में इस्माइल फारुखी बनाम भारत सरकार मामले में आए संविधान पीठ के फैसले का है. इस मामले में अयोध्या में विवादित ज़मीन के सरकारी अधिग्रहण को चुनौती दी गई थी. कहा गया था कि मस्ज़िद की जगह को सरकार नहीं ले सकती.
सुप्रीम कोर्ट ने अधिग्रहण को कानूनन वैध ठहराया. साथ ही कहा कि नमाज तो इस्लाम का अभिन्न हिस्सा है, लेकिन इसके लिए मस्ज़िद अनिवार्य नहीं है. मुस्लिम पक्ष की दलील थी कि ये फैसला उसके दावे को कमज़ोर कर सकता है. इसलिए सबसे पहले इस पर पुनर्विचार किया जाना चाहिए.
अब क्या होगा?
अदालती कार्रवाई में बहुमत का फैसला मान्य होता है. इसलिए, अब मुख्य अयोध्या विवाद की सुनवाई शुरू होगी. कोर्ट पहले मामले की नियमित सुनवाई की बात कह चुका है. हिंदू पक्ष ने भी कहा है कि वो कोर्ट से रोजाना सुनवाई की मांग कर तेज़ी से केस को निपटाने की मांग करेगा. हालांकि, सुनवाई कब तक चलेगी और फैसला कब आएगा, इस बारे में अभी पक्के तौर पर कुछ कह पाना संभव नहीं है.