अलवर (राजस्थान): राम मंदिर निर्माण को लेकर अयोध्या में शिवसेना के प्रमुख उद्धव ठाकरे की मौजूदगी और विश्व हिंदू परिषद की धर्मसभा से गरमाई राजनीति के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस पर हमला किया है. राजस्थान के अलवार में एक चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने न्यायिक प्रक्रिया में दखल देने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस को जल्दी समाधान में रुकावट पैदा करने वाला करार दिया है.
पीएम मोदी ने कहा, "जब अयोध्या का केस चल रहा था, कांग्रेस के राज्यसभा सांसद ने कहा था कि 2019 तक केस मत चलाओ, क्योंकि 2019 में चुनाव है. देश के न्यायतंत्र को इस प्रकार राजनीति में घसीटना उचित है?" बड़ी जनसभा से सवालिया लहजे में मुखातिब पीएम मोदी ने कहा, "क्या देश के न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर दबाव डालना चाहिए. लेकिन कांग्रेस के लोग न्यायपालिक पर दबाव बनाते हैं. अब कांग्रेस ने नया खेल शुरू किया है. जजों को डरान के लिए महाभियोग लाते हैं."
कपिल सिब्बल ने 2019 के बाद की थी सुनवाई की अपील
साल 2017 में राम मंदिर केस की सुनवाई के दौरान सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट में दलील रखी थी कि इस केस की सुनवाई 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद की जाए. उन्होंने दलील दी थी कि सुनवाई का 2019 के आम चुनाव पर असर पड़ सकता है. हालांकि, उन्होंने कोर्ट से ये अनुरोध व्यक्तिगत तौर पर किया था और अपील की थी कि सुनवाई 15 जुलाई 2019 के बाद की जाए. कपिल सिब्बल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद हैं.
अयोध्या पर राजनीति
अयोध्या विवाद का मुद्दा अभी सुप्रीम कोर्ट में लंबित है और अगली सुनवाई जनवरी में है. 29 अक्टूबर की पिछली सुनवाई में जब कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई की तारीख जनवरी 2019 तय की है, तब से मामले में राजनीति अपने चरम पर है. सत्ताधारी पार्टी बीजेपी के नेताओं के साथ-साथ अनेक हिंदू संगठनों ने जल्द राम मंदिर के निर्माण की मांग की है.
आरएसएस और वीएचपी से लेकर राजनीतिक पार्टी शिवसेना ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले मंदिर निर्माण की मांग की है. मोदी सरकार से शिवसेना की मांग है कि सरकार कानून लाए और मंदिर बनाए. उन्होंने चेतावनी दी है कि अभी सरकार मजबूत है और अगर मंदिर नहीं बना तो सरकार भी नहीं बनेगी.
यह भी पढ़ें-