राम मंदिर पर बोले सीएम योगी आदित्यनाथ, न्याय मिलने में देरी अन्याय के समान
अयोध्या जमीन विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जनवरी तक टलने के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एबीपी न्यूज़ से खास बातचीत में कहा कि अभी ये मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है और राम मंदिर के निर्माण को लेकर सरकार की मंशा अध्यादेश लाने की नहीं है.
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को कहा कि देश में बहुसंख्यक समुदाय रामजन्म भूमि विवाद मामले पर सुप्रीम कोर्ट के जल्द फैसले की रहा देख रहा है. उन्होंने कहा कि 'न्याय मिलने में देरी अन्याय के समान' है.
सुप्रीम कोर्ट द्वारा मामले की सुनवाई जनवरी 2019 तक टालने के बाद आदित्यनाथ ने ट्वीट कर कहा, "समय पर मिला न्याय, उत्तम न्याय माना जाता है लेकिन न्याय में देरी कभी-कभी अन्याय के समान हो जाती है." उन्होंने कहा कि देश में बहुसंख्यक समुदाय और शांतिप्रिय लोग जल्द से जल्द फैसले और अपनी भावनाओं का सम्मान होने की राह देख रहे हैं.अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि से जुड़ा हुआ मामला माननीय उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन है. समय पर मिला न्याय, उत्तम न्याय माना जाता है. न्याय में देरी कभी-कभी अन्याय के सामान हो जाता है. pic.twitter.com/gcyYuE3Spp
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) October 30, 2018
देश की न्यायपालिका के प्रति सबका सम्मान है और हम सभी उन संवैधानिक बाध्यताओं से बंधे हैं।.माननीय उच्चतम न्यायालय श्रीराम जन्मभूमि का शीघ्र समाधान निकाले. pic.twitter.com/TYbkPIcdQc
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) October 30, 2018
उन्होंने चिन्हित किया कि राज्य सरकार के महाधिवक्ता ने भी यही अपील की है.
रोजाना सुनवाई के टलने से संत समुदाय के बीच बढ़ते अंसतोष पर प्रतिक्रिया देते हुए आदित्यनाथ ने कहा कि संतों को पूरे धैर्य के साथ इस दिशा में होने वाले सभी सार्थक प्रयासों में सहभागी बनना चाहिए.
संतों को पूरे धैर्य के साथ श्रीराम जन्मभूमि के समाधान की दिशा में होने वाले उन सभी सार्थक प्रयासों में सहभागी बनना चाहिए, जिससे देश में शांति और सौहार्द की स्थापना हो और भारत के सभी संवैधानिक संस्थाओं के प्रति सम्मान का भाव सुदृढ़ हो. pic.twitter.com/Qrr9P6xvCG
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) October 30, 2018
उन्होंने कहा कि अंतरिम परिवर्तन के दौर में संतों को देश में शांति और सद्धभाव को मजबूत करने के सकरात्मक प्रयासों को तेज करना चाहिए.
यह पूछने पर कि क्या उन्हें 2019 लोकसभा चुनाव से पहले फैसला आने की संभावना है, आदित्यनाथ ने कहा कि वह चाहते हैं कि मुद्दे को जल्द से जल्द निपटाया जाए क्योंकि राज्य में कानून व्यवस्था संभालने की जिम्मेदारी उनके ऊपर है.
उन्होंने कहा कि हालांकि सहमति अच्छा समाधान है और इस मामले से बाहर निकलने के और भी कई रास्ते हैं.
आदित्यनाथ ने ट्विटर पर कहा, "अन्य की तरह वह भी न्यायपालिका का सम्मान करते हैं और संवैधानिक बाध्यताओं को समझते हैं."
राम मंदिर निर्माण के लिए अध्यादेश लाने के सवाल पर बीजेपी नेता ने कहा कि मामला विचाराधीन है लेकिन उनका मानना है कि सभी विकल्पों पर विचार किया जाना चाहिए.
राजनीतिक गलियारे में उनकी टिप्पणी को बीजेपी द्वारा मुद्दे को जल्दी निपटाने के लिए न्यायापालिक पर दबाव के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है. सोमवार को उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा सुनवाई में देरी से 'गलत संकेत' जा रहे हैं.