लखनऊ: लंबे समय से चले आ रहे रामजन्मभूमि और बाबरी मस्जिद विवाद की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट ने टाल दी है. तीन जजों की बेंच 10 जनवरी को इस मामले पर सुनवाई करेगी. हालांकि अभी यह तय नहीं हो पाया है कि तीन जज कौन होंगे. बता दें कि राम मंदिर के जल्द निर्माण के लिए सरकार पर चौतरफा दबाव बनाया जा रहा है. मंदिर निर्माण के लिए अध्यादेश लाने की मांग भी की जा रही थी कि इसी बीच  साल के पहले दिन ही इंटरव्यू देकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई मुद्दों पर अपनी बात रखी. इनमें एक मुद्दा राम मंदिर का भी था. प्रधानमंत्री ने इस पर कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ही सरकार अध्यादेश पर विचार करेगी. प्रधानमंत्री के इस बयान पर राजनीतिक और सामाजिक दोनों तरह से माहौल में गर्मी पैदा हो गई है. बता दें कि संत समाज की तरफ से अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी ने बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया तो वहीं इस पर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं आईं.

प्रधानमंत्री ने राम मंदिर पर क्या कहा ?
राम मंदिर पर अध्यादेश के सवाल पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ''राम मंदिर पर हमारी सरकार अध्यादेश नहीं लाएगी. कानूनी प्रक्रिया के बाद ही राम मंदिर पर फैसला किया जाएगा. राम मंदिर को लेकर जब तक कानूनी प्रक्रिया चल रही है तब तक अध्यादेश लाने का विचार नहीं है. कानूनी प्रक्रिया इसलिए धीमी है, क्योंकि वहां कांग्रेस के वकील हैं. जो सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई में रुकावट पैदा कर रहे हैं.''

उन्होंने कहा, ''हमने बीजेपी के घोषणापत्र में कह रखा है कि राम मंदिर का फैसला संविधान के दायरे में ही होगा. राम मंदिर बीजेपी के लिए भावनात्मक मुद्दा है. कांग्रेस को इस मुद्दे पर रोड़े नहीं अटकाने चाहिए और कानूनी प्रक्रिया को अपनी तरह से आगे बढ़ने देना चाहिए. हाल ही में राष्ट्रीय स्वयं सेवक जैसी संस्थाओं की तरफ से जल्द राम मंदिर बनवाने की मांग उठी हैं.''

पीएम मोदी के बयान पर और किसने क्या कहा?
राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी ने बीजेपी को 2019 के चुनाव में नतीजे भुगतने की चेतावनी दी. अयोध्या जमीन विवाद के मुस्लिम पक्षकार इकबाल अंसारी ने पीएम मोदी के बयान का स्वागत किया है. वहीं वीएचपी ने कहा है कि वो संत समाज का आदेश का पालन करेगी.

वीएचपी ने कहा- हिंदू समाज अनंत काल तक कोर्ट के फैसले की प्रतीक्षा नहीं कर सकता
आलोक कुमार ने कहा, ''हमने प्रधानमंत्री का राम जन्मभूमि संबंधी बयान देखा है. राम जन्मभूमि का मामला पिछले 69 सालों से कोर्ट में चल रहा है. इसकी अपील सुप्रीम कोर्ट 2011 के लंबित है. यह बहुत लंबा समय है. मामला सुप्रीम कोर्ट 29 अक्टूबर को आया था, तब बेंच का गठन नहीं हुआ था. मामला चीफ जस्टिस की बेंच में आया. सुप्रीम कोर्ट में जल्दी सुनवाई की अपील की गई जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि ये मामला हमारी प्राथमिकता का नहीं है. अब इस पर चार जनवरी को सुनवाई होनी है, लेकिन बेंच का गठन नहीं हुआ है.''

उन्होंने कहा, ''मामला एक बार फिर चीफ जस्टिस की बेंच में है. सारे मामले को देखकर हमें लग रहा है कि सुनवाई कोसों दूर है. हमारा स्पष्ट मत है कि हिंदू समाज अनंत काल तक न्यायालय के फैसले की प्रतीक्षा नहीं कर सकता. हमारी मांग है कि संसद अध्यादेश के जरिए मंदिर निर्माण का रास्ता निकाले. इस मामले में आगे क्या होगा इसका फैसला 31 जनवरी को प्रयागराज में धर्मसंसद में संतो का विचार जानने के बाद तय होगा.''

प्रवीण तोगड़िया ने कहा- राम मंदिर मामले में देश के हिन्दुओं का विश्वास तोड़ा
अतंरराष्ट्रीय हिंदू परिषद के अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया ने कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार ने राम मंदिर मामले में देश के हिन्दुओं का विश्वास तोड़ा है. उन्होंने कहा कि इसके साथ ही केंद्र सरकार ने किसानों और युवाओं के साथ भी छलावा किया है. जयपुर में संवाददाताओं से बातचीत में तोगड़िया ने कहा, 'मोदी जी मंदिर नहीं बना सकते हैं तो इस्तीफा दे दें. हमें तो देश में राम, किसानों को फसलों का दाम और युवाओं को काम देने वाली सरकार चाहिए थी इसलिये लोगों ने वोट दिया था. देश को न तो राम मिले, न किसानों को दाम मिला और न ही युवाओं को काम मिला.'

वेदांती ने कहा- राम मंदिर का मुद्दा सहमति से सुलझा लिया गया है
राम जन्मभूमि आंदोलन से जुड़े बीजेपी के पूर्व सांसद राम विलास वेदांती ने बड़ा दावा किया है. हरिद्वार में वेदांती ने कहा राम मंदिर का मुद्दा सहमति से सुलझा लिया गया है और एक दो दिन में इसका एलान हो जाएगा. राम विलास वेदांति ने कहा कि प्रधानमंत्री ने जो कहा है वो सही कहा है. राम मंदिर का निर्माण हिन्दू और मुसलमानों की आपसी सहमति से किया जायेगा. वेदांती के मुताबिक एक या दो दिन में हिन्दू-मुसलमानों के बीच अन्तर्राष्ट्रीय समझौता होने जा रहा है, इससे जल्द ही राम मंदिर का निर्माण का रास्ता साफ होगा. वेदांती ने मुस्लिम समुदाय को अयोध्या से बाहर मस्जिद बनाने का प्रस्ताव भी दिया है.

शिवसेना बोली- मोदी के लिए भगवान राम कानून से बढ़कर नहीं
बयान के बाद कांग्रेस ने पीएम मोदी को घेरा और कोर्ट के फैसले के बाद अध्यादेश की जरुरत से इंकार किया तो वहीं एनडीए की सहयोगी पार्टियों की बड़ी प्रतिक्रिया आयी है. शिवसेना बीजेपी की मंशा पर सवाल उठाए हैं. शिवसेना का कहना है कि मोदी के लिए भगवान राम कानून से बढ़कर नहीं हैं.

शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने कहा, ''सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि राम मंदिर तत्काल रूप से देखने के लिए महत्वपूर्ण विषय नहीं है, पीएम मोदी ने अलग क्या कहा ? भूमिका स्पष्ट करने के लिए मोदी का अभिनंदन, राम मंदिर के लिए अध्यादेश नही निकालेंगे, इनका संवैधानिक तरीके का अर्थ ऐसा कि प्रभु श्रीराम कानून से बड़े नहीं हैं.''

उमा भारती ने कहा- राम भक्तों सुझाव का समर्थन करना चाहिए

केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने राम भक्तों से कहा कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस सुझाव का समर्थन करें कि मंदिर निर्माण के लिए कानून बनाने की मांग पर विचार न्यायिक प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही किया जा सकता है. उमा भारती राम मंदिर आंदोलन का प्रमुख चेहरा रही हैं. केंद्रीय मंत्री की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब विश्व हिन्दू परिषद ने जोर दिया है कि मंदिर निर्माण का मार्ग सिर्फ कानून लाकर ही प्रशस्त किया जा सकता है और हिन्दू अनंतकाल तक प्रतीक्षा नहीं कर सकते.

भारती ने ट्वीट कर रहा, ''प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक व्यापक साक्षात्कार दिया है जिसमें राम मंदिर का मुद्दा भी है. सभी राम भक्तों को इससे सहमत होना चाहिए.'' उन्होंने कहा कि मोदी की टिप्पणी मंदिर निर्माण के मार्ग में रोड़ा नहीं अटकाती है क्योंकि विभिन्न समूहों से बातचीत के जरिए मंदिर निर्माण का विकल्प खुला है.

कांग्रेस ने कहा- मोदी न तो पार्टी की बात मानते हैं न भागवत की
पीएम के इंटरव्यू के बाद कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. सुरजेवाला ने पीएम के बयान पर कहा, "राम मंदिर मुद्दे पर प्रधानमंत्री मोदी ने एक बार फिर नासमझी या जान बूझ कर पूरे मामले को व्यवधान में डालने का प्रयास किया है.'' सुरजेवाला ने कहा, ''कांग्रेस मानती है कि सुप्रीम कोर्ट में मामला है और सबको कोर्ट के फैसले को मनाना चाहिए. कोर्ट के फैसले के बाद किसी ऑर्डिनेंस की जरूरत नहीं है. लेकिन मोदी जी ने निर्णय के बाद ऑर्डिनेंस की बात कह दी है. एक बात और साफ हो गई कि वो ना मोहन भागवत की बात मानते हैं ना अपने पार्टी के नेताओं की.''

संत समाज 'नाराज', कहा- SC ही रास्ता तो राम पर वोट क्यों?
संत समाज की तरफ से अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी ने बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. गिरी ने बीजेपी पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया है. नरेंद्र गिरी ने एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए कहा, ''राम मंदिर को लेकर कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट के जरिए ही फैसला होना है तो फिर बीजेपी इतने दिनों से राम के नाम पर वोट क्यों मांग रही है. कांग्रेस ने मंदिर का ताला खुलवाया और पूजा करवाई, लेकिन बीजेपी ने सिर्फ राम मंदिर के नाम पर वोट मांगा.''

बीजेपी विधायक सुरेन्द्र सिंह ने कहा- पीएम मोदी ने वैधानिक और संवैधानिक धर्म का पालन किया
राम मंदिर निर्माण के लिए अध्यादेश नहीं लाने के मोदी के बयान के सवाल पर यूपी के बलिया में बैरिया क्षेत्र से बीजेपी विधायक सुरेन्द्र सिंह ने मीडिया से बातचीत कहा कि पीएम मोदी ने वैधानिक और संवैधानिक धर्म का पालन किया है. जिस भी विषय का मुकदमा कोर्ट में लंबित है प्रधानमंत्री के नाते वही बोलना चाहिए. विधायक ने कहा कि मोदी जी के बयान का अंतिम लाइन पर ध्यान दीजिये. मोदी जी ने कहा है कि "जिस दिन सुप्रीम कोर्ट की कार्रवाई बंद हो जाएगी उस दिन मेरी कार्रवाई शुरू हो जाएगी". विधायक ने दावा करते हुए कहा कि चाहे जो भी निर्णय होगा राम मंदिर मोदी के नेतृत्व में ही भारत मे बनेगा.