अयोध्या: अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए गठित श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास की अगली बैठक 15 दिनों के भीतर होगी. मार्च के दूसरे सप्ताह में संभावित न्यास की बैठक बेहद महत्वपूर्ण होगी. इस बैठक में शिलापूजन की तारीख समेत कई महत्वपूर्ण फैसले न्यास की तरफ से लिये जा सकते हैं. हालांकि यह तय है कि अप्रैल में राम नवमी पर अयोध्या में शिलापूजन का कार्यक्रम नहीं होगा क्योंकि राम नवमी का त्यौहार रामभक्तों के लिए सबसे बड़ा त्यौहार होता है.
इस दिन लाखों की संख्या में श्रद्धालु अयोध्या में रामलला का दर्शन पूजन करते हैं. ऐसे में राम मंदिर निर्माण कब शुरू होगा, शिलान्यास कौन करेगा, कैसे होगा, कौन सी कंपनी करेगी जैसे फैसलों पर न्यास के सदस्य चर्चा करेंगे. वरिष्ठ सदस्य ने कहा कि काम एक तरह से शुरू ही हो गया है.
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के एक वरिष्ठ सदस्य ने ऑफ रिकॉर्ड बातचीत में कहा कि 3 या 4 मार्च को कोई औपचारिक बैठक नहीं है. उन्होंने कहा कि न्यास के कुछ सदस्य कल राम जन्मभूमि पर टेक्निकल टीम के साथ गए थे. ऐसे में समझिये शुरू हुई हो गया निर्माण. उन्होंने कहा कि एलएनटी के प्रोजेक्ट मैनेजर जो दिल्ली में हैं वह भी कल की बैठक में थे. एनबीसी के लोग भी साथ थे. इसको माना जा सकता है कि एक तरीके से यह तय हो रहा था कि शुरुआत कैसे की जाए. वरिष्ठ सदस्य ने कहा कि एलएनटी देश की बहुत बड़ी कंपनी है उसे भी कुछ कुछ काम दिया जाएगा लेकिन क्या सौंपा जाएगा यह निर्णय ट्रस्ट लेगा.
रामजन्मभूमि परिसर में चल रहा साफ सफाई का काम
अपनी जन्मभूमि में रामलला टेंट में विराजमान हैं और भव्य मंदिर में उन्हें शिफ्ट करने में निर्माण पूरी होने की देर है. ऐसे में जबतक भव्य राम मंदिर का निर्माण नहीं हो जाता तबतक रामलला को एक अस्थाई मंदिर में रखा जाएगा. ये अस्थाई ढांचा भी रामजन्मभूमि परिसर में ही होगा. इसके लिए एक स्थान की साफ सफाई और नाप जोख का काम शुरू हो चुका है. एबीपी न्यूज़ की टीम भी शनिवार को रामलला परिसर के अंदर पहुंची. इस दौरान पाया गया कि रंगमहल की तरफ से जब रामजन्मभूमि परिसर में दाखिल होते हैं, वहीं बायीं तरफ एक स्थान पर नाप जोख और साफ सफाई की जा रही है.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इसी जगह को अस्थाई मंदिर बनाने के लिए चुना जा सकता है. ये जगह इसलिए मुफीद है क्योंकि श्रद्धालु रंगमहल की तरफ से दाखिल होकर अस्थाई ढांचे में रामलला का दर्शन कर वापस लौट जाएंगे और जिस जगह अभी रामलला रखे हुए हैं, वहां गर्भगृह और अगल बगल में मंदिर परिसर में निर्माण कार्य हो सके.
नृपेंद्र मिश्रा ने कल किया था अयोध्या का दौरा
सुप्रीम कोर्ट के राम मंदिर के पक्ष में आये फैसले के बाद सरकार की तरफ से गठित श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास में मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने शनिवार को अयोध्या में रामलला का दर्शन पूजन करने के साथ-साथ 3 घंटे तक रामजन्मभूमि परिसर का मुआयना किया. इस दौरान उनके साथ एल ऐंड टी कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी भी साथ थे. इसके साथ ही नृपेंद्र मिश्रा ने न्यास के चंपत राय, कामेश्वर चौपाल, विमलेंद्र मोहन मिश्रा और डीएम अनुज झा के साथ विश्व हिंदू परिषद की कार्यशाला का भी दौरा किया. यहां 30 सालों से तराशे गए पत्थरों का जायजा लिया.
विहिप नेता और न्यास के महामंत्री चंपत राय ने नृपेंद्र मिश्रा को पत्थरों के बारे के छोटी से छोटी जानकारी दी. इसके बाद नृपेंद्र मिश्रा ने न्यास के अन्य सदस्यों के साथ सर्किट हाउस में बैठक की. हालांकि इस बैठक को न्यास की औपचारिक बैठक नहीं कही जाएगी. लेकिन ये काफी हद तक साफ है कि विहिप के मॉडल और पत्थरों से राम मंदिर बनाने की तैयारी है. साथ ही न्यास की अगली बैठक बहुत जल्द आहूत कर आगे की रणनीति तय की जाएगी.
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