लखनऊ: राम जन्म भूमि न्यास के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ राम विलास वेदांती ने एक बार फिर राम मंदिर को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने दावा किया है कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण आगामी 6 दिसंबर से शुरू हो जाएगा और मुस्लिमों को अयोध्या के बाहर जमीन दी जाएगी. उन्होंने कहा कि भव्य राम मंदिर आपसी सहमति से बनेगा, उन्हें कोर्ट से कोई आशा नहीं है.
वेदांती का कहना है कि मुस्लिमों को अयोध्या के बाहर मस्जिद के लिए जमीन दी जाएगी. लेकिन मस्जिद बाबर के नाम पर नहीं बनेगी क्योंकि बाबर आतंकवादी, लुटेरा था, लूटने आया था लूट के चला गया. आतंकवादी के नाम पर मस्जिद नहीं बन सकती.
उन्होंने कहा कि मंदिर का निर्माण भाजपा और मोदी-योगी ही कराएंगे. यह काम सपा-बसपा और कांग्रेस कभी नहीं करेगी क्योंकि अब तक इस पार्टी की ओर से मंदिर निर्माण के पक्ष में कुछ नहीं कहा गया है..
बता दें कि इससे पहले वेदांती ने दावा किया था कि विवाद के पक्षकारों ने मंदिर विवाद को आपसी समझौते से हल करने का फार्मूला आपसी सहमति से निकाल लिया है. वेदांती ने कहा था कि कुछ अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन की मध्यस्थता से आपसी सहमति बन गई है. इसके तहत लखनऊ में दुनिया की सबसे बड़ी मस्जिद बनाई जाएगी, जबकि अयोध्या में रामलला का भव्य मंदिर बनेगा. उन्होंने यह भी दावा किया था कि मस्जिद बाबर के नाम पर नहीं होगी.
राम विलास वेदांती ने इलाहाबाद में यह भी कहा था कि दो अक्टूबर से पहले सुप्रीम कोर्ट में आउट ऑफ कोर्ट सेटेलमेंट होने का हलफनामा दाखिल कर इस पर अदालत की मुहर भी लगवा ली जाएगी.
वेदांती ने यह भी दावा किया है कि आउट आफ कोर्ट सेटेलमेंट के तहत ही अगले साल लोकसभा चुनाव शुरू होने से पहले ही अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का काम शुरू हो जाएगा. उनके मुताबिक़ देश में अमन चैन कायम रहने और आपसी भाई चारा बढ़ाने के लिए लखनऊ में प्रस्तावित मस्जिद और अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का काम सभी लोग मिल जुलकर कराएंगे.