पटना: केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के असंतुष्ट नेताओं ने एक नयी पार्टी बनाने का ऐलान करते हुये आरोप लगाया कि नेतृत्व ने पार्टी को ‘‘प्राइवेट लिमिटेड कंपनी’’ में तब्दील कर दिया है. पासवान ने घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि "उन्हें जाने दीजिये."
एलजेपी के दो महासचिव सत्यानंद शर्मा और अनिल कुमार पासवान, कोषाध्यक्ष रमेश चंद्र कपूर के नेतृत्व में विद्रोह कर रहे इन नेताओं ने गुरूवार को एलजेपी (सेक्युलर) बनाने का एलान कर दिया था. इन लोगों का आरोप है कि एलजेपी ने अमीर और बाहरी उम्मीदवारों को टिकट दिये और पार्टी पर कब्जा बनाए रखने वाले परिवार के हितों को बढ़ाने तक सीमित कर लिया है.
एलजेपी अध्यक्ष और केन्द्रीय खाद्य एंव उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने इसपर प्रतिक्रिया देते हुए चेन्नई में पत्रकारों से कहा, "अच्छी बात है, उन्हें जाने दीजिए." उन्होंने अलग हुए गुट के इस आरोप को सिरे से खारिज कर दिया कि एलजेपी के भीतर भ्रष्टाचार व्याप्त है. पासवान ने कहा कि पार्टी ने चुनाव में शर्मा के लिये अपनी ओर से सर्वश्रेष्ठ किया, लेकिन वह जीत नहीं सके.
केन्द्रीय मंत्री ने कहा, "मैं सभी के प्रति बहुत सम्मान रखता हूं. वह (शर्मा) दो बार हारे। पिछली बार मेरी पार्टी के सभी लोगों ने मुझसे किसी और को टिकट देने के लिये कहा था." उन्होंने कहा, "मैंने उनसे कहा कि वह गरीब व्यक्ति हैं, उन्हें चुनाव लड़ने दीजिये और हम देखेंगे. हमने अपने स्तर पर सर्वश्रेष्ठ किया, लेकिन वह हार गए. अब वह चले गए हैं, यह अच्छी बात है. उन्हें जाने दीजिये." पासवान ने कहा कि वह पहली बार भ्रष्टाचार के आरोपों के बारे में सुन रहे हैं. उन्होंने कहा, आप मेरी पासबुक और बैंक बैलेंस देख लीजिये. मेरे पास कुछ नहीं है. मेरे पास दिल्ली या पटना में घर नहीं है."
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