रामविलास पासवान ने राज्यसभा की सदस्यता की शपथ ली, 11वीं बार संसद के लिए चुने गए
रामविलास पासवान के शपथ लेने के बाद सभापति एम वेंकैया नायडू ने उनसे पूछा कि वह कितनी बार संसद के लिए चुने गए हैं. इस पर हंसते हुए पासवान ने जवाब दिया कि 11 बार. पासवान ने कहा कि नौ बार लोकसबा के लिए और दो बार राज्य सभा के लिए चुना गए हैं.
नई दिल्ली: राज्यसभा के लिए पिछले सप्ताह बिहार से निर्विरोध निर्वाचित हुए केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने सोमवार को उच्च सदन की सदस्यता की शपथ ली. बीजेडी के समर्थन से उच्च सदन के लिए ओडिशा से चुने गए बीजेपी के अश्विनी वैष्णव ने भी राज्यसभा की सदस्यता की शपथ ली. सदन की बैठक शुरू होने पर सभापति एम वेंकैया नायडू ने उन्हें शपथ के लिए आमंत्रित किया. अपने लंबे राजनीतिक करियर में दूसरी बार राज्यसभा के लिए चुने गए रामविलास पासवान ने हिंदी में शपथ ली.
लोक जनशक्ति पार्टी नेता रामविलास पासवान शुक्रवार को निर्विरोध निर्वाचित हुए. बिहार से उनके मंत्रिमंडलीय सहयोगी रविशंकर प्रसाद हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में पटना साहिब संसदीय सीट से चुनाव जीते हैं. उनके राज्यसभा से इस्तीफे के बाद उच्च सदन में उपचुनाव आवश्यक हो गया था. रामविलास पासवान रविशंकर प्रसाद की जगह ही उच्च सदन में आए हैं.
रामविलास पासवान के शपथ लेने के बाद उनसे सभापति एम वेंकैया नायडू ने मुस्कुराते हुए पूछा कि वह कितनी बार संसद के लिए चुने गए हैं. इस पर हंसते हुए पासवान ने जवाब दिया ‘‘11 बार. इनमें से नौ बार लोकसभा सदस्य और दो बार राज्यसभा सदस्य निर्वाचित हुआ हूं.’’ तब नायडू ने सदन में मौजूद एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार से पूछा ‘‘और शरद पवार जी?’’ पवार ने तत्काल जवाब दिया ‘‘मैं 14 बार संसद के लिए चुना गया हूं.’’ नायडू ने कहा कि सदन में इतने अनुभवी सांसदों का होना अच्छी बात है.
रामविलास पासवान ने सभापति को आज उनके जन्मदिन पर बधाई भी दी. अन्य सदस्यों ने भी सभापति को जन्मदिन पर बधाई दी. बीजेडी के समर्थन से राज्यसभा के लिए ओडिशा से चुने गए बीजेपी के अश्विनी वैष्णव ने भी राज्यसभा की सदस्यता की शपथ ली. उन्होंने ओड़िया में शपथ ली.
इस बार पासवान ने लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा था. हाजीपुर लोकसभा सीट से कई बार जीत दर्ज कर चुके पासवान की जगह इस बार, यह संसदीय सीट उनके छोटे भाई और एलजेपी की राज्य इकाई के अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस ने जीती है.
1960 के दशक में संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के विधायक के तौर पर राजनीतिक सफर शुरू करने वाले पासवान 2010 में अपनी हाजीपुर संसदीय सीट से लोकसभा चुनाव हारने के बाद तत्कालीन सहयोगी आरजेडी के समर्थन से राज्यसभा के लिए चुने गए थे. पासवान ने अपना कार्यकाल पूरा होने से पहले, 2014 में राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया था और एनडीए प्रत्याशी के तौर पर उन्होंने हाजीपुर संसदीय सीट से चुनाव जीता था.