73 साल के हुए रामविलास पासवान, पीएम मोदी सहित कई नेताओं ने दी बधाई
रामविलास पासवान अबतक नौ बार लोकसभा और दो बार राज्यसभा के लिए चुने गए. साल 1977 में वे पहली बार लोकसभा के लिए चुने गए. पासवान एक बार विधायक भी रह चुके हैं. साल 2000 में उन्होंने लोक जनशक्ति पार्टी की स्थापना की थी.
नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री और एलजेपी अध्यक्ष रामविलास पासवान आज 73 साल के हो गए. पीएम नरेंद्र मोदी सहित देश के कई नेताओं ने रामविलास पासवान को जन्मदिन की बधाई दी. पासवान केंद्र की एनडीए सरकार में खाद्य मंत्री का पद संभाल रहे हैं. इस बार वे बिहार से राज्यसभा के लिए चुने गए हैं. एक जुलाई को उन्होंने राज्यसभा के सदस्य के तौर पर शपथ ली.
उनके जन्मदिन के मौके पर पीएम मोदी ने ट्वीट किया, ‘’केंद्रीय मंत्रिमंडल में मेरे सहयोगी, अनुभवी नेता एवं कुशल प्रशासक रामविलास पासवान जी को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं. मैं उनकी लंबी आयु एवं स्वस्थ जीवन की कामना करता हूं.''
केंद्रीय मंत्रिमंडल में मेरे सहयोगी, अनुभवी नेता एवं कुशल प्रशासक रामविलास पासवान जी को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं। मैं उनकी लंबी आयु एवं स्वस्थ जीवन की कामना करता हूं। @irvpaswan
— Narendra Modi (@narendramodi) July 5, 2019
वहीं उनके बेटे और जमुई से लोकसभा सांसद चिराग पासवान ने एक तस्वीर शेयर करते हुए ट्वीट किया, ‘’हैप्पी बर्थडे पापा.’’
Happy Birthday Papa!!! @irvpaswan pic.twitter.com/gttE5zfmmH
— Chirag Paswan (@ichiragpaswan) July 5, 2019
रामविलास पासवान कुल नौ बार लोकसभा और दो बार राज्यसभा के लिए चुने गए. वे एक बार विधायक भी रह चुके हैं. 1960 के दशक में संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के विधायक के तौर पर पासवान ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी. 1977 में हाजीपुर सीट से भारतीय लोकदल के उम्मीदवार के तौर पर राम विलास पासवान पहली बार सांसद बनें. 4 लाख 24 हजार 545 वोटों से पासवान चुनाव जीते थे. पासवान को कुल वोट को 89.30 फीसदी वोट मिला था. 28 अक्टूबर 2000 को राम विलास पासवान ने लोक जनशक्ति पार्टी की स्थापना की थी.
पासवान के बारे में कहा जाता है कि केंद्र में किसी भी दल की सरकार हो रामविलास पासवान मंत्री जरूर होंगे. रामविलास पासवान अटल बिहारी बाजपेयी की एनडीए सरकार में भी मंत्री थे तो यूपीए-1 की सरकार में मंत्री बने. 2014 के चुनाव में पासवान फिर नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली एनडीए के साथ जुड़ गए और हाजीपुर से लोकसभा चुनाव जीते. इस बार उन्होंने लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा था. हाजीपुर लोकसभा सीट से कई बार जीत दर्ज कर चुके पासवान की जगह इस बार उनके छोटे भाई पशुपति कुमार पारस ने चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की.