नई दिल्ली: एलजेपी अध्यक्ष रामविलास पासवान ने एक बार फिर मोदी सरकार में मंत्री पद की शपथ ली. पिछली सरकार के दौरान भी वे केंद्रीय मंत्री का पदभार संभाल रहे थे. उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री के पद पर थे. स्वास्थ्य कारणों से इस बार वे चुनाव मैदान में नहीं उतरे थे. उनकी जगह हाजीपुर सीट से उनके छोटे भाई पशुपति कुमार पारस लोकसभा चुनाव लड़े और जीत दर्ज की.


रामविलास पासवान कुल 9 बार लोकसभा और एक बार राज्यसभा के सांसद रहे हैं और एक बार विधायक भी रह चुके हैं. छात्र राजनीति में सक्रिय रामविलास पासवान ने जयप्रकाश नारायण के समाजवादी आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था. 1969 में पहली बार पासवान बिहार के विधानसभा चुनावों में संयुक्‍त सोशलिस्‍ट पार्टी के उम्‍मीदवार के रूप निर्वाचित हुए. आपातकाल का विरोध करते हुए पासवान जेल भी गए.


एलजेपी अध्यक्ष पासवान के बारे में कहा जाता है कि केंद्र में किसी भी दल की सरकार हो रामविलास पासवान मंत्री जरूर होंगे. रामविलास पासवान अटल बिहारी बाजपेयी की एनडीए सरकार में भी मंत्री थे तो यूपीए-1 की सरकार में मंत्री बने. 2014 के चुनाव में पासवान फिर नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली एनडीए के साथ जुड़ गए और हाजीपुर से लोकसभा चुनाव जीते. पासवान के बेटे चिराग पासवान जमुई से सांसद हैं.