नई दिल्ली: राम जन्म भूमि न्यास के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ राम विलास वेदांती ने दावा किया है कि अयोध्या विवाद के पक्षकारों ने मंदिर विवाद को आपसी समझौते से हल करने का फार्मूला आपसी सहमति से निकाल लिया है. वेदांती ने किया है कि कुछ अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन की मध्यस्थता से आपसी सहमति बन गई है. इसके तहत लखनऊ में दुनिया की सबसे बड़ी मस्जिद बनाई जाएगी, जबकि अयोध्या में रामलला का भव्य मंदिर बनेगा. उन्होंने यह भी दावा किया कि मस्जिद बाबर के नाम पर नहीं होगी.
राम विलास वेदांती ने इलाहाबाद में मिशन मोदी अगेंस्ट पीएम कार्यक्रम में शिरकत करने के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए यह दावा किया कि दो अक्टूबर से पहले सुप्रीम कोर्ट में आउट ऑफ कोर्ट सेटेलमेंट होने का हलफनामा दाखिल कर इस पर अदालत की मुहर भी लगवा ली जाएगी.
वेदांती ने दावे के साथ कहा कि उनके इस समझौते की वजह से चीफ जस्टिस आफ इंडिया जस्टिस दीपक मिश्र अपने कार्यकाल में ही अयोध्या में मंदिर बनने के फार्मूले पर अदालत की सहमति दे देंगे. गौरतलब है कि जस्टिस दीपक मिश्रा इसी साल दो अक्टूबर को रिटायर हो रहे हैं.
वेदांती ने यह भी दावा किया है कि आउट आफ कोर्ट सेटेलमेंट के तहत ही अगले साल लोकसभा चुनाव शुरू होने से पहले ही अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का काम शुरू हो जाएगा. उनके मुताबिक़ देश में अमन चैन कायम रहने और आपसी भाई चारा बढ़ाने के लिए लखनऊ में प्रस्तावित मस्जिद और अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का काम सभी लोग मिल जुलकर कराएंगे.