काशी और प्रयाग में भी श्रद्धापूर्वक मनाई जा रही है रामनवमी
इलाहाबाद/वाराणसी: राम नवमी का पर्व तीर्थराज प्रयाग यानी इलाहाबाद और काशी यानी वाराणसी में श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया जा रहा है. इस मौके पर मंदिरों के साथ-साथ घाट पर सभी श्रद्धालुओं भीड़ उमड़ी हुई है.
इलाहाबाद में श्रद्धापूर्वक मनाई जा रही रामनवमी
राम नवमी और चैत्र नवरात्रि की नवमी संगम नगरी इलाहाबाद में भी श्रद्धापूर्वक मनाई जा रही है. इस मौके पर इलाहाबाद के राम मंदिरों और देवी मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी हुई है. चैत्र नवरात्र के अंतिम दिन आज श्रद्धालु अपने व्रत का पारण भी कर रहे हैं.
श्रद्धालु राम मंदिरों में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के जन्म की खुशियाँ मना रहे हैं तो देवी मंदिरों में माँ दुर्गा के दर्शन कर उनसे अपने सुख-समृद्धि और शान्ति का आशीर्वाद ले रहे हैं.
रामनवमी पर इलाहाबाद के राम मंदिरों को ख़ूबसूरती से सजाया गया है तो साथ ही वहां विशेष आयोजन भी हो रहे हैं. वीएचपी और दूसरे हिंदूवादी संगठन रामनवमी के मौके पर अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण का काम जल्द शुरू कराये जाने का संकल्प भी ले रहे हैं.
रामनवमी और नवरात्र की नवमी पर तमाम श्रद्धालु गंगा-यमुना और अदृश्य सरस्वती के त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी भी लगा रहे हैं. रामनवमी पर शाम को कई जगहों पर जुलूस और झांकियां निकाली जाएंगी तो साथ ही भगवान राम का भव्य राज्याभिषेक समारोह भी होगा, जिसमे बॉलीवुड के कई नामचीन कलाकार शामिल होंगे. रामनवमी के मौके पर राम मंदिरों व देवी मंदिरों में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये गए हैं.
वाराणसी: मुस्लिम महिलाओं ने बड़े धूमधाम से मनाया रामनवमी का त्यौहार
पूरे भारत में आज रामनवमी हर्षोउल्लास के साथ मनाई जा रही है. रामनवमी के मौके पर आज काशी में भी अद्भुत दृश्य देखने को मिला, जब मुस्लिम महिलाओं ने रामनवमी पर राम आरती और श्रीराम भक्त हनुमान के चालीसा पाठ में हिस्सा लिया. इस मौके पर हिन्दू और मुस्लिम सम्प्रदाय की महिलाओं ने साथ मिलकर इस पर्व को उल्लास के साथ मनाया. सभी ने मंगल पाठ के बाद हनुमान चालीसा का पाठ करके भगवान से सबके कल्याण की प्रार्थना की.
मुस्लिम महिलाओं का कहना है कि पिछले 10 सालों से हम सभी हिन्दू-मुस्लिम मिलकर राम नवमी के दिन यहां पर भगवान की पूजा और आरती करते हैं. कोई भी व्यक्ति अपनी जाति, धर्म और मजहब बदल सकता है लेकिन अपना पूर्वज नहीं बदल सकता है. उन्होंने कहा कि भगवान राम हमारे पूर्वज हैं. हिन्दू-मुस्लिम के बीच कुछ लोगो के कारण जो गलत फहमी है उसे ख़त्म करने के लिए हम रामनवमी का पर्व साथ मिलकर मनाते हैं. हमारा मकसद सिर्फ एक है कि लोग एक दुसरे के साथ आएं और लोगों के अन्दर एक दूसरे के धर्म के प्रति आदर बढे.