इटावा: समाजवादी परिवार में रामगोपाल यादव और शिवपाल सिंह यादव के बीच लंबे समय से चले आ रहे विवाद पर विराम लगता नजर आ रहा है. रामगोपाल यादव के 72वें जन्मदिन के अवसर पर शिवपाल सिंह यादव और रामगोपाल यादव ने एक दूसरे को केक खिलाकर बधाई दी.


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इस मौके पर शिवपाल सिंह यादव ने कहा,''हम सब एक हैं और इस अवसर पर हम सब और सभी धर्मनिरपेक्ष ताकतें मिलकर इस सरकार जिसने अघोषित इमरजेंसी लगा रखी है उसको हटाने का काम करेंगे''.


रामगोपाल यादव के जन्मदिन की तैयारियां पूरी कर ली गई थी. आम जनता और समर्थकों के लिए दो मंच तैयार किए गए थे. वाटरप्रूफ पंडाल का एक हिस्सा पार्टी सरंक्षक और वीवीआईपी के लिए था तो दूसरी तरफ केक काटा गया. इस मौके पर शिवपाल ने कहा कि अब पार्टी और परिवार में कोई झगड़ा नहीं है. उन्होंने अपने बड़े भाई रामगोपाल यादव को जन्मदिन की बधाई भी दी.





बता दें कि सियासी परिवार में पिछले दिनों आपस में मनमुटाव की चर्चा जोरों पर थी. पहले अखिलेश को अध्यक्ष बनाए जाने और फिर चुनाव चिन्ह को लेकर मतभेद की खबरें थीं.


हाल ही में समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता शिवपाल सिंह यादव ने कहा था कि अगर एसपी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ‘बड़ों’ की बात मानी होती तो वह दोबारा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बन जाते. अखिलेश के चाचा और पार्टी में कभी उनके प्रतिद्वंद्वी रहे शिवपाल ने छोटे सरकार की मजार पर चादरपोशी के बाद कहा कि अखिलेश और उनके चचेरे भाई सांसद धर्मेन्द्र यादव को उन्होंने गोद में खिलाया, परवरिश की, यहां तक कि उनकी शादी भी की, लेकिन युवा पीढ़ी अब किसी की नहीं सुनती है.


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उन्होंने कहा,"अगर बड़ों की बात मानी गई होती तो आज प्रदेश में एसपी की सरकार होती और अखिलेश मुख्यमंत्री होते और बिहार में भी एसपी सरकार बनी होती. इसलिए हमारी नीचे स्तर तक के पदाधिकारियों के लिए यही सलाह है कि आपस मे सभी एकजुट रहे और लोगों को भी एकजुट करें."