लखनऊ: मंदिर मुद्दे को लेकर भगवा संगठनों की गतिविधियों में हाल में आयी तेजी के बीच विपक्षी दलों ने इसे अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले लोगों की भावनाएं भड़काकर बीजेपी को फायदा पहुंचाने के मकसद से खेला जा रहा खेल करार दिया है.


उत्तर प्रदेश विधानसभा में मुख्य विपक्षी दल सपा के वरिष्ठ नेता एवं विधान परिषद सदस्य राजपाल कश्यप ने मंदिर मुद्दे को लेकर अचानक तेज हुई सरगर्मियों के बारे में सोमवार को कहा कि बीजेपी एक बार फिर राम मंदिर कार्ड खेल रही है, ताकि लोगों की भावनाएं भड़कायी जाएं और उसका फायदा 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को मिले.


उन्होंने कहा कि मंदिर निर्माण को लेकर ताजा गहमागहमी महज सियासी खेल है. यह इसलिये शुरू हुआ है, क्योंकि लोकसभा चुनाव नजदीक है और बीजेपी के पास अब जनता को बरगलाने के लिये और कुछ नहीं बचा है. वह उस मंदिर मुद्दे पर राजनीतिक फायदा लेना चाहती है जो पहले से ही अदालत में लम्बित है.


कश्यप ने कहा कि केन्द्र की तरह उत्तर प्रदेश की बीजेपी सरकार के पास भी मंदिर मुद्दे के अलावा और कुछ नहीं बचा है. राज्य सरकार ने पूर्ववर्ती सपा सरकार द्वारा कराये गये विकास कार्यों और योजनाओं का नाम बदलने के सिवा और कुछ नहीं किया है. जनता इस बात से अच्छी तरह वाकिफ है. राम मंदिर का मुद्दा भड़काने और शहरों के नाम बदलने का हथकंडा इस बार काम नहीं आएगा.आगामी चुनाव में बीजेपी की पराजय निश्चित है.


कांग्रेस प्रवक्ता मुकेश सिंह चौहान ने भी मंदिर मुद्दे को लेकर भाजपा की कड़ी आलोचना की. उन्होंने कहा कि समाज को बांटकर सियासी फायदा लेना ही बीजेपी का मुख्य एजेंडा है. बीजेपी अपने साथी संगठनों की मदद से मंदिर मुद्दे को उठाकर अगला लोकसभा चुनाव जीतने की फिराक में है.


चौहान ने कहा कि कांग्रेस धर्मनिरपेक्षता में विश्वास करती है और वह साम्प्रदायिकता फैलाने की किसी भी कोशिश का पुरजोर विरोध करेगी.


गौरतलब है कि अयोध्या में विवादित स्थल पर राम मंदिर निर्माण के लिये विश्व हिन्दू परिषद समेत अनेक भगवा संगठनों की गतिविधियां हाल में काफी तेज हो गयी हैं. पिछले दिनों दिल्ली में आयोजित साधु-संतों की बैठक में सरकार को ‘धर्मादेश‘ दिया गया था कि वह मंदिर निर्माण के लिये अध्यादेश लाये, या फिर कानून बनाए.


राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने भी पिछले दिनों वाराणसी में मंदिर निर्माण के लिये माहौल बनाने की जरूरत बतायी थी. माना जा रहा है कि इसी सरगर्मी के सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए आगामी 25 नवम्बर को अयोध्या में ‘विराट धर्मसभा‘ आयोजित की जानी है.