लखनऊ: हत्या और फिरौती समेत 40 से अधिक आपराधिक मामलों में वांछित खूंखार गैंगस्टर मुन्ना बजरंगी ने महज 17 साल की उम्र में पहला जुर्म किया और देखते ही देखते वह पूर्वांचल में अपराध की दुनिया का बादशाह बन गया. गौरतलब है कि पूर्वांचल के कुख्यात डॉन मुन्ना बजरंगी की आज सुबह बागपत जेल में हत्या कर दी गई. पूर्व बसपा विधायक लोकेश दीक्षित से रंगदारी मांगने के आरोप में बागपत कोर्ट में मुन्ना बजरंगी की आज पेशी होनी थी.


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बजरंगी ने पांचवीं के बाद छोड़ दी थी पढ़ाई-लिखाई


1967 में जौनपुर के पूरेदयाल गांव में जन्मे मुन्ना बजरंगी का असली नाम प्रेम प्रकाश सिंह था. उसने पांचवीं के बाद पढ़ाई-लिखाई छोड़ दी. बजरंगी के खिलाफ 17 साल की उम्र में ही पुलिस ने मारपीट और अवैध हथियार रखने के आरोप में पहला केस दर्ज किया गया था.


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बीजेपी नेता रामचंद्र सिंह के मर्डर में भी बजरंगी का नाम सामने आया था


80 के दशक में बजरंगी को जौनपुर के एक स्थानीय माफिया गजराज सिंह का संरक्षण मिल गया. 1984 में बजरंगी ने लूट के लिए एक कारोबारी की हत्या कर दी. गजराज के इशारे पर जौनपुर में बीजेपी नेता रामचंद्र सिंह के मर्डर में भी बजरंगी का नाम सामने आया.


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1996 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर मुख्तार ने मऊ से विधानसभा का चुनाव जीता.
बजरंगी ने 90 के दशक में पूर्वांचल के बाहुबली और नेता मुख्तार अंसारी का दामन थामा. अंसारी ने इसी दौरान अपराध से सियासत का रुख किया. 1996 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर मुख्तार ने मऊ से विधानसभा का चुनाव जीता. इसके बाद बजरंगी का सरकारी ठेकों में दखल बढ़ता गया. इस इलाके के एक और गैंगस्टर ब्रजेश सिंह से अंसारी की दुश्मनी बढ़ती जा रही थी.


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2005 में मुन्ना बजरंगी और उसके गैंग ने दिनदहाड़े राय की हत्या कर दी
2001 में ब्रजेश सिंह गैंग ने मऊ लखनऊ हाईवे पर मुख्तार अंसारी गैंग पर घात लगा कर हमला किया. बाद में 2005 में मुन्ना बजरंगी और उसके गैंग ने दिनदहाड़े राय की हत्या कर दी. बजरंगी और उसके गैंग ने राय और उनके छह साथियों की हत्या कर दी.


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बजरंगी पर सात लाख रुपए का इनाम घोषित था
बजरंगी अपने आपराधिक कृत्यों की वजह से यूपी पुलिस की मोस्ट वांटेड अपराधियों की सूची में शामिल हो गया और एक समय उसके सिर पर सात लाख रुपए का इनाम घोषित था.


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बजरंगी की पत्नी सीमा सिंह ने पति की जान का खतरा बताया था
राय हत्याकांड में बजरंगी को 2009 में मुंबई के मलाड इलाके से गिरफ्तार किया गया. वह 2009 से जेल में था. बजरंगी ने 2012 में जौनपुर की मढि़याहू सीट से अपना दल के टिकट पर विधानसभा का चुनाव भी लड़ा लेकिन हार गया. गत 29 जून को बजरंगी की पत्नी सीमा सिंह ने लखनऊ में संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया था कि उनके पति की जान को खतरा है.