मेरठ: कैराना उपचुनाव की जीत के बाद हौसले से लबरेज राष्ट्रीय लोकदल ने मिशन-2019 के लिए सियासी जमीन पुख्ता करना शुरू कर दी है. किसान क्रांति पदयात्रा के बाद बन रहे माहौल से रालोद अपनी खोई जमीन वापिस पाना चाहती है.


रालोद पश्चिमी यूपी में पदयात्रा और सद्भावना जनसंवाद के जरिये किसानों के जख्मों पर मरहम लगाने के साथ अपना वोटबैंक वापिस पाने की जुगत में है. पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयंत चौधरी मोदीनगर में आठ किलोमीटर लंबी पदयात्रा से मिशन-2019 की तैयारी शुरू करने जा रहे हैं.

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रालोद ने पश्चिमी उत्तर-प्रदेश के जिलों में विधानसभा-वार पदयात्रा करने की रणनीति बनाई है. पदयात्रा अभियान में जयंत चौधरी सड़क पर उतरकर आम जनता और किसानों के बीच सरकार विरोधी बयार को तलाशने निकले है. पदयात्रा का नारा है पोलखोल-धावाबोल. जयंत चौधरी इन पदयात्राओं में केन्द्र और प्रदेश की बीजेपी सरकार की नीतियों को जनता के सामने रखेगें.

9 अक्टूबर को जयंत की अगली पदयात्रा बागपत जिले में होगी. पार्टी के संगठन मंत्री राजकुमार सांगवान ने बताया कि पदयात्रा के अलावा रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी अजीत सिंह भी जनता के बीच जाने का कार्यक्रम तय कर चुके है.

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सद्भावना जनसंवाद के जरिये 14 और 15 अक्टूबर को अजीत सिंह मेरठ के दो विधानसभा क्षेत्रों में रहेंगे. सिवालखास के रोहटा और सरधना के दौराला में अजीत हर बिरादरी के किसानों और संगठनों के बीच बैठकर उनकी समस्याऐं सुनेगें.

15 अक्टूबर के बाद अजीत सिंह आगरा और मथुरा में भी सद्भावना जनसंवाद करेगें. इसी तरह के कार्यक्रम पूरे वेस्ट यूपी में करने की तैयारी है.

हरिद्वार से दिल्ली तक भाकियू की किसान क्रांति पदयात्रा में पुलिस और किसानों के बीच हुए संघर्ष के दौरान अजीत सिंह यूपी बार्डर पर पहुंचे थे. किसानों ने उन्हें अपने बीच देखकर खुशी से कंधों पर उठा लिया था. किसानों के मूड को देखते हुए अजीत सिंह और जयंत चौधरी की जोड़ी अपनी पैठ मजबूत करने के मकसद से किसानों के बीच उतर चुकी है.