ताजमहल पर जारी विवाद रुकने का नाम नहीं ले रहा है. ताजा घटनाक्रम के मुताबिक सोमवार को ताजमहल के परिसर में कुछ हिंदूवादी संगठनों के कार्यकर्ता शिव चालीसा पढ़ने पहुंच गए. हालांकि सीआइएसएफ के जवानों ने उन्हें रोक लिया. बाद में लिखित माफीनामा देने पर ही उन्हें छोड़ा गया.

अलीगढ़ व हाथरस से आए आधा दर्जन युवाओं ने दोपहर डेढ़ बजे के करीब वीडियो प्लेटफॉर्म पर जोर-जोर से शिव चालीसा का पाठ शुरू कर दिया. वहां मौजूद सीआइएसएफ जवान और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) के कर्मचारियों ने आपत्ति जताई. इस पर युवा उनसे उलझ गए और कहने लगे कि स्मारक में जब नमाज हो सकती है, तो हम पूजा क्यों नहीं कर सकते?



इसके बाद सीआइएसएफ के जवान युवकों को पकड़कर गेस्ट रूम ले गए. वहां युवकों ने लिखित माफीनामा दिया, जिसके बाद उन्हें छोड़ दिया गया.

हाथरस निवासी राष्ट्रीय स्वाभिमान दल के दीपक शर्मा ने बताया, "वे लोग सोमवार को तेजोमहालय पर शिव चालीसा का पाठ करने आए थे. वे लोग सोमवार को शिव चालीसा का पाठ करने के बाद व्रत खोलते हैं. इसे रुकवा दिया गया, जो गलत है."

हिंदू युवा वाहिनी अलीगढ़ के महानगर अध्यक्ष भारत गोस्वामी ने कहा कि तेजोमहालय में पूजा करने से रोका जा रहा है, जो सही नहीं है.



संगीत सोम के बयान के बाद शुरु हुआ था विवाद

बीजेपी विधायक संगीत सोम के बयान के बाद ताजमहल पर विवाद शुरु हुआ था. उन्होंने ताजमहल पर एक विवादास्पद टिप्पणी की थी जिसके बाद यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सामने आकर इस मामले पर सफाई देनी पड़ी.

हालांकि बीजेपी इस मामले पर दो हिस्सों में बंटी दिखाई दी. कैलाश विजयवर्गीय ने ताजमहल पर निशाना साधा तो वहीं केंद्रीय पर्यटन मंत्री अल्फोन्स कन्ननथनम ने इसे भारत का गौरव बताया.

संबंधित खबरें- 

ताजमहल- मुहब्बत या गद्दारी की निशानी?

ताजमहल भारतीय संस्कृति पर धब्बा है: बीजेपी विधायक संगीत सोम