रतलाम: मध्य प्रदेश के रतलाम में एक अनोखा शादी हुई. 8 साल पहले सास- ससुर जिस लड़की को बहू बनाकर घर लाए थे, उसे ही अब बेटी की तरह विदा किया. दोनों ने मिलकर ठीक उसी तरह बहू की शादी कराई जैसी उसने अपनी बेटी की थी.
सास-ससुर ने अपनी ढलती उम्र को देख अपनी बहू का पुर्नविवाह पूरे रीति-रिवाज के साथ कर अपने घर से विदा किया. खुशियों भरी इस शादी में लॉकडाउन भी आड़े नहीं आया. सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए तीन परिवारों के सीमित सदस्यों के बीच ही ये शादी संपन्न हुई.
दरअसल, काटजू नगर निवासी 65 साल की सरला जैन के बेटे मोहित जैन का आष्टा निवासी सोनम के साथ करीब 8 साल पहले विवाह हुआ था लेकिन शादी के 3 साल बाद ही बेटा मोहित कैंसर से पीड़ित हो गया. तीन सालों तक बहू सोनम ने अपने पति की जमकर सेवा की लेकिन जीवन की जंग मोहित हार गया. उसके बाद भी सोनम, सास-ससुर के पास बेटी की तरह रहने लगी और सास-ससुर की लाडली बन गई, तब से लेकर अबतक सास-ससुर ने माता पिता बनकर सोनम को बेटी की तरह रखा, वहीं सोनम ने भी सास-ससुर को माता-पिता की तरह माना और खूब सेवा की.
सुसर ऋषभ ने बताया कि 8 साल पहले बेटे की शादी कर बहू को घर लाए थे पर बेटा तो तीन साल बाद ही दुनिया छोड़ कर चला गया और बहू बेटी बनके यहां रह गई. अब हमारी तो उम्र हो चली है और हमारी बेटी जो हमारी बहू है उसकी तो सारी जिंदगी अभी बाकी है, इसलिए नागदा के रहने वाले सौरभ जैन से उसकी शादी की है. सौरभ अच्छा काम करता हैं, हमारी बहू भी पढ़ी-लिखी है और समझदार भी है. हम दुआ करते हैं कि वो हमेशा खुश रहे.
परिजनों को नागदा जाकर शादी करनी थी, होटल भी बुक हो गया था लेकिन लॉकडाउन होने से जब दिक्कतें आती दिखीं तो मोहित के मामा ललित कांठेड़ ने प्रशासन से बात की और अपने ही घर पर ही बहू सोनम की शादी की सारी व्यवस्था करवा दी.
एक पल वह था जब 8 साल पहले सास अपनी बहू सोनम को आष्टा से खुशी-खुशी विदा कर लाई थी और एक पल 6 साल बाद ऐसा आया कि उसी सास ने अपनी बहू सोनम को बेटी बना कर विदा किया तो सास-ससुर की आंखों से आंसू छलक पड़े.
इस शादी पर सास सरला जैन ने कहा कि बहू की शादी इसलिए कराई कि अब हम दोनों पति-पत्नी ही रह गए थे. हमारी उम्र भी हो चली लेकिन बहू की उम्र तो बाकी है. हमारे चले जाने के बाद उसकी जिंदगी वो अकेले कैसे काटती, इसलिए शादी की. बहू को जब विदा किया तो बेटी के रूप में ही विदा किया. सब कुछ वही दिया जो बेटी को दिया था.