नीतीश के शराबबंदी वाले बिहार में चूहे फिर गटक गए शराब
बिहार के कैमूर जिले में चूहों के द्वारा शराब पीने की घटना सामने आई है. इस बात का खुलासा तब हुआ जब पुलिस अधिकारियों की उपस्थिति में शराब के भंडार को नष्ट किया जा रहा था.
पटना: बिहार में भले ही लोगों को शराब पीने की इजाजत न हो लेकिन वहां के चूहे बेखौफ होकर शराब पीते हैं. पुलिस के स्टॉक में जब्त रखे जाने वाले शराब को पीकर चूहे बाद में पुलिस वालों के लिए भी सरदर्दी का कारण बनते हैं. इस बार चूहों के शराब पीने का मामला बिहार के कैमूर जिले से सामने आया है. इस बात का खुलासा तब हुआ जब पुलिस अधिकारियों की उपस्थिति में शराब के भंडार को नष्ट किया जा रहा था.
ऐसा नहीं है कि चूहों के शराब पीने का ये राज्य में पहला मामला है. इससे पहले साल 2017 में भी चूहों ने बिहार में जब्त की गई करीब 9 लाख लीटर शराब डकार ली थी. कैमूर में चूहों के इस कारनामे की खबर लोगों को तब लगी जब वहां शराब को नष्ट करने की प्रक्रिया चल रही थी. शराब को भभुआ के माल गोदाम में रखा गया था.
शराब का ये स्टॉक दो साल पहले 2016 से लेकर अब तक के छापों में उत्पाद विभाग की टीम ने पकड़ा था. सोमवार को जब शराब को नष्ट किया जा रहा था तो जब्त शराब और नष्ट शराब की कीमत में 10 हजार रुपये का अंतर पाया गया. इसके बाद इस बात का खुलासा हुआ कि कुछ शराब स्टोरेज में चूहे पी गए.
कैमूर जिला प्रशासन ने 30 लाख रुपए की लगभग 11 हजार लीटर शराब को नष्ट किया. जिला पदाधिकारी के आदेश पर मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में रोलर से शराब नष्ट की गई, जिसमें देशी, विदेशी शराब के साथ बीयर भी था. चूहों के शराब गटक जाने के बारे में जब एसडीएम कुमारी अनुपम सिंह से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि शराब के कार्टन को नष्ट कर दिया गया है और इसकी जांच चल रही है कि चूहों ने कितनी शराब नष्ट की है. उन्होंने कहा कि जांच के बाद ही पूरी स्थिति का पता चल पाएगा.
वहीं, उत्पाद अधीक्षक प्रदीप कुमार का कहना है कि उत्पाद विभाग द्वारा जब्त शराब को गोदाम में रखा गया था, जिसमें से करीब 10 हजार रुपये की कीमत की शराब को चूहों ने नष्ट कर दिया है. जो शराब किसी कारण से क्षतिग्रस्त हो जाती है उसे चूहे या तो खराब कर देते हैं या पी जाते हैं.