बच्ची की मां ने कहा,"मैं मोदी और योगी सरकार से निवेदन करती हूं कि आरोपियों को सख्त सजा दी जाए. हम उनके लिए मौत की सजा मांगते हैं. अन्यथा सात सात वो वापस आ जाएगा और फिर ऐसी किसी वारदात को अंजाम देगा."
क्या है पूरा मामला
अलीगढ़ के टप्पल इलाके में एक गरीब परिवार रहता है. बच्ची के पिता राजमिस्त्री का काम करते हैं. ढाई साल की बच्ची 30 मई को उस वक्त गायब हो गई जब वो घर के बाहर खेल रही थी. उसके पिता और बाकी लोगों ने उसकी तलाश की और बच्ची जब कहीं नहीं मिली तो परिवार के लोग पुलिस के पास पहुंचे.
पुलिस ने गुमशुदगी का मामला दर्ज कर लिया और बच्ची की तलाश शुरु कर दी. पुलिस और बच्ची के परिजन लगातार उसकी तलाश कर रहे थे. इस बीच 2 जून को उसकी लाश कूड़े के ढेर में मिली. कुत्ते उसकी लाश को नोच रहे थे. बच्ची का सीधा हाथ जानवर खा चुके थे.
वहां कूड़ा डालने पहुंचे किसी ने इस मंजर को देखा. जब ये जानकारी बच्ची के पिता को हुई तो वो भी वहां पहुंचे और अपनी बच्ची को पहचान लिया. इसके बाद आक्रोशित भीड़ ने वहां जाम लगा दिया और प्रदर्शन करने लगी.
क्या कहती है पुलिस
एसएसपी आकाश कुलहरि ने बताया कि आरोपी जाहिद और असलम का बच्ची के पिता से पैसों के लेनदेन को लेकर विवाद था. ये दोनों लोग मजदूर हैं और विवाद के बाद जाहिद ने बच्ची के पिता को धमकी भी दी थी.
उन्होंने बताया कि पुलिस ने पूछताछ के लिए जाहिद को हिरासत में लिया था जहां उसने अपना जुर्म कुबूल कर लिया और बताया कि उसने अपने साथी असलम के साथ इस वारदात को अंजाम दिया था. एसएसपी ने कहा कि दोनों को जेल भेज दिया गया है.
इस घटना को लेकर कई तरह के मैसेज सोशल मीडिया में चल रहे हैं. हालांकि पुलिस का कहना है कि ये कोई हेट क्राइम नहीं है. पुलिस ने ये भी बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक बच्ची के साथ ना तो बलात्कार हुआ है और ना ही लाश पर तेजाब डाला गया है जैसा कि सोशल मीडिया में दावा किया जा रहा है.